सोयाबीन की फसल हेतु किसानों को सलाह
उज्जैन- कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा नैदानिक भ्रमण के दौरान विभिन्न
फसलों के अवलोकन उपशात्र विशेषकर सोयाबीन फसल से संतोषप्रद उत्पादन प्राप्त करने हेतु कृषकों को
सलाह दी है।
वर्तमान वर्षा की निरंतरता को ध्यान में रखते हुए खेतों में जलभराव की स्थिति निर्मित न होने दें।
उचित जल निकास की व्यवस्था करें। वर्तमान सोयाबीन फसल (फूल की अवस्था) में किसी प्रकार की
खरपतवारनाशी दवा का उपयोग करने से बचें। यदि खरपतवर की समस्या बहुत ज्यादा परिलक्षित होती है
तो ऐसे स्थित में हाथ निदाई की व्यवस्था करें। सोयाबीन में विभिन्न प्रकार की पत्तियां खाने वाली इल्लियों
जैसे हरी अर्धकुडलक इल्ली. तम्बाकू की इल्ली, धने की इल्ली आदि का प्रकोप होने पर इमामेक्टिन बैजोएट
425 मि.ली. है. या फ्लूबेडामाइट 150 मि.ली/हे. 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। फसल में तना
मक्खी का प्रकोप दिखाई देने पर थायोमिथाक्जॉम+लेम्डासाइलोथिन 125 मि.ली. या बीटासायफ्लुथ्रिन +
इंमिडाक्लोप्रिड 350 मी.ली./हे. 500 लीटर पानी के साथ उपयोग करें। गर्डलबीटल (रिंग कटर) का लक्षण
दिखाई देने पर इसके नियंत्रण हेतु थायोक्लोप्रिड 750 मि.ली. या टेटुनिलिप्रोल 250-300 मि.ली. / है 500
लीटर पानी के साथ छिडकाव करें।