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महाकाल लोक में सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक: विधायक पुत्र का काफिला अनाधिकृत प्रवेश पर जब्त, कलेक्टर-एसपी ने उठाए सख्त कदम


उज्जैन में शुक्रवार को नागपंचमी के मौके पर महाकाल मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। इसी बीच, एक घटना ने महाकाल लोक की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। देवास से बीजेपी विधायक गायत्री राजे पंवार के बेटे विक्रम सिंह पंवार ने अपने गाड़ियों के काफिले के साथ महाकाल लोक के अनाधिकृत परिसर में प्रवेश कर लिया। इस अनपेक्षित घटना ने प्रशासनिक अधिकारियों को चौकन्ना कर दिया, जिन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए गाड़ियों को रोका और चार वाहनों को जब्त कर लिया।

घटना का विवरण
शुक्रवार दोपहर 3:30 बजे, विक्रम सिंह पंवार नीलकंठ द्वार से महाकाल लोक में प्रवेश कर गया। इस क्षेत्र में वीआईपी गाड़ियों का प्रवेश प्रतिबंधित है, और यहां से वीआईपी व्यक्तियों को पैदल या ई-कार्ट के माध्यम से मंदिर तक पहुंचाया जाता है। इसके बावजूद, विधायक पुत्र का काफिला सीधे कंट्रोल रूम से होते हुए महाकाल लोक और फिर मानसरोवर तक पहुंच गया। इस दौरान वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों में अफरा-तफरी मच गई, और उन्होंने गाड़ियों को रोकने का प्रयास किया।

कलेक्टर और एसपी की त्वरित कार्रवाई
घटना के समय, उज्जैन के कलेक्टर नीरज सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा कंट्रोल रूम में व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे थे। जब उन्होंने गाड़ियों का काफिला महाकाल लोक में देखा, तो उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए गाड़ियों को रोकने के लिए दौड़ लगाई। गाड़ी के ड्राइवर से तीखी बहस के बाद, उन्होंने गाड़ियों को जब्त करने का आदेश दिया। हालांकि, इस दौरान विक्रम सिंह पंवार पहले ही महाकाल मंदिर में दर्शन करने पहुंच चुके थे।

कलेक्टर का बयान
उज्जैन के कलेक्टर नीरज सिंह ने घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा, "गाड़ियों के काफिले ने अनधिकृत प्रवेश किया है। सभी को जब्त कर थाने भेज दिया गया है, और इन पर चालानी कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने इस घटना को सुरक्षा में बड़ी चूक करार देते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

सुरक्षा पर सवाल
महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्थाओं में इस प्रकार की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। नागपंचमी के अवसर पर जब लाखों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ रहे थे, तब इस प्रकार का अनाधिकृत प्रवेश सुरक्षा में बड़ी चूक को दर्शाता है। इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने की जरूरत महसूस हो रही है।

 

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