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दीक्षारंभ विद्यार्थी के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिन-मंत्री इन्दर सिंह:विक्रम विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा मंत्री की उपस्थिति में हुआ दीक्षारम्भ समारोह


गुरुवार को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार विक्रम विश्वविद्यालय के दीक्षारम्भ समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि शिक्षा का भारतीय ज्ञान परम्परा से गहरा नाता रहा है। शिक्षकों को उनके विद्यार्थियों पर गर्व हो, ऐसी शिक्षा हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से उन्हें प्रदान करें। भारतीय ज्ञान परंपरा में दीक्षारंभ और दीक्षांत का विशेष महत्व है। दीक्षारंभ एवं दीक्षांत किसी भी विद्यार्थी के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पल होते है।

विश्वविद्यालय की इंजीनियरिंग अध्ययनशाला सभागृह में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इस दिशा में हम सभी को स्वाभिमान से आगे बढऩे का अवसर दे रही है। आज से 300 साल पहले भारत में सात लाख से अधिक गुरुकुल और शैक्षणिक संस्थान थे। इनमें तक्षशिला और नालन्दा जैसे संस्थानों ने पूरे विश्व में ज्ञान और उत्तम शिक्षा का परचम लहराया। कार्यक्रम अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने भारत अधुनातन विज्ञान के विकास में निरंतर महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भारत के महान ऋषि वैज्ञानिकों के ग्रन्थों को आक्रांताओं के द्वारा जलाया गया। फिर भी भारतीय मनीषा ने अपनी ज्ञान प्रणाली के महत्वपूर्ण सूत्रों को जीवित रखा। अतिथियों द्वारा रिसर्च जनरल विक्रम के कालिदास विशेषांक का विमोचन और नव प्रकाशित ब्रोशर एवं पोस्टर का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया।

उच्च शिक्षा मंत्री ने पौधा रोपण किया

विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम शामिल होने पहुंचे उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने विश्वविद्यालय के एसओईटी परिसर एवं शालिग्राम तोमर छात्रावास परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत पौधरोपण किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा, कार्यपरिषद सदस्य डॉ मंजूषा मिमरोट, डीएसडब्ल्यू प्रो.एसके मिश्रा, प्रो.संदीप तिवारी आदि उपस्थित थे। स्वस्तिवाचन डॉ. सर्वेश्वर शर्मा, डॉ. गोपाल कृष्ण शुक्ल, डॉ महेंद्र पांडे ने किया।

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