संपदा-2.0 में मेकर की आवश्यकता नहीं होगी, गवाहों को पंजीयक कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा
अब संपदा 2.0 को पूरी तरह से 15 अगस्त-2024 से लागू कर दिया जाएगा, जिसकी शुरूआत जिला मुख्यालय यानी भरतपुरी स्थित उपपंजीयक कार्यालय से होगी। इसमें संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर से उपपंजीयक कार्यालय में दस्तावेजों का पंजीयन व रजिस्ट्री आदि की जाएगी, जो कि पहले की तुलना में ज्यादा आसान होगी। इसमें मेकर की आवश्यकता नहीं होगी और दो गवाहों को भी उपपंजीयक कार्यालय जाना नहीं पड़ेगी।
सर्विस प्रोवाइडर्स ही क्रेता-विक्रेता के साथ में गवाहों की फोटो व हस्ताक्षर ले लेंगे। क्रेता व विक्रेता का मोबाइल नंबर को आधार नंबर से लिंक करवाना होगा। इसके बाद ही प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हो सकेगी। नए सॉफ्टवेयर में सिक्योरिटी व क्लियरिटी रहेगी। ड्यूल स्क्रीन मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत दस्तावेजों की प्रक्रिया को क्रेता व विक्रेता स्क्रीन पर देख सकेंगे। यह सॉफ्टवेयर जीआईएस बेस्ड होगा यानी संपत्ति की लोकेशन गूगल मैप से सही आंकलन कर लेगा।
इससे संपत्ति मूल्य में आने वाली गड़बड़ी को रोका जा सकेगा। साथ ही पंजीयन विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा। इसके लिए उपपंजीयक कार्यालय के स्टॉफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें उन्हें बताया जा रहा है कि किस तरह से सॉफ्टवेयर से रजिस्ट्री हो सकेगी। कौन सी तैयारियां सर्विस प्रोवाइडर्स को करना होगी। सर्विस प्रोवाइडर्स की भी ट्रेनिंग होगी ताकि उन्हें संपदा 2.0 में रजिस्ट्री करते समय कोई समस्या नहीं आए।