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श्रद्धा, भक्ति, और उत्साह की त्रिवेणी बनी बाबा महाकाल की नगरी


उज्जैन- 25 दलों के 1500 डमरु वादकों ने भस्म आरती की धुन पर डमरु वादन कर भगवान महाकाल की
स्तुति की।गिनीन बुक विश्व रिकार्ड बनाने के लिए एक साथ 1500 कलाकार भगवान शिव को प्रिय वाद्य
डमरू, झांझ मंजीरे की सुरमयी मंगल ध्वनिआकर्षण का केंद्र बन गई। समूची उज्जैन नगरी डमरू की गूंज
से गुंजायमान हो गई। महाकाल महालोक के सामने शक्तिपथ पर अदभुत अनूठे आयोजन में भगवा वस्त्रों
में डमरूवादक कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति ने सभी को भाव विभोर किया। जिला प्रशासन और महाकाल
प्रबंध समिति के प्रयासों से डमरू वादन का सफल कार्यक्रम आयोजित हुआ।  
    मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के विशेष पहल से बाबा महाकाल की सवारी और भी भव्य व दिव्य होती जा
रही है। उन्होंने सवारी को भव्यता प्रदान करने के लिए अनूठे प्रयास किए हैं। बाबा महाकाल की विगत दो
सवारी में जनजातीय लोकनृत्यों और 350 सदस्यीय पुलिस बैंड की प्रस्तुति दी गई। तृतीय सोमवार को
निकाली जाने वाली तीसरी सवारी में डमरू का वादन किया जा रहा है।

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