तीन सौ छात्र पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं
विक्रम विश्वविद्यालय के विधि विभाग में पदस्थ पांच शिक्षकों को रिलीव करने के कारण यहां अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के सामने पढ़ाई का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में अब विधि विभाग में पढऩे के लिए कोई भी शिक्षक मौजूद नही है। शुक्रवार को अभा विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय का घेराव कर छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की व्यवस्था करने की मांग की है।
विक्रम विश्वविद्यालय में शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लॉ विभाग में शिक्षक नही होने पर घेराव किया। परिषद के महानगर मंत्री आदर्श चौधरी ने बताया कि विधि अध्ययनशाला में सभी छात्र अपनी कक्षाओं में उपस्थित है, किंतु अध्ययनशाला में एक भी प्राध्यापक नही है, जिसके कारण कक्षाएं, मूट कोर्ट, सेमिनार आदि गतिविधियां बाधित है। विधि अध्य्यनशाला में पाठ्यक्रम का संचालन बार कौंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के नियमों के अनुरूप किया जाता है। यहां बीसीआई के मापदंडों के अनुरूप अब तक न तो प्राध्यापकों की नियुक्ति हुई वरन् प्रतिनियुक्त पर पदस्थ 5 स्थाई सहायक प्राध्यापकों को भी स्थानांतरित कर दिया गया। वर्तमान में बीसीआई द्वारा सत्र 2024- 25 में विधि अध्ययनशाला का निरीक्षण किया जाना है, जिसके अनुसार ही बीसीआई द्वारा मान्यता विस्तार (एक्सटेंशन) प्रदान किया जाना है। इसको लेकर कुलगुरू प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा से छात्रों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए बीसीआई के मापदंडों की पूर्ति के लिए स्थायी सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की मांग की है। ज्ञापन देने के दौरान विश्वविद्यालय अध्यक्ष सिद्धार्थ यादव, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य रीतिक नागर, सहमंत्री मीतेश कालरा, अंकित ठाकुर, छात्रा विभाग प्रमुख साक्षी यादव मौजूद थे।