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24 घंटे तक सतत दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु


नागपंचमी (9 अगस्त) पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के शिखर पर विराजमान नागचंद्रेश्वर के पट 8 अगस्त की रात 12 बजे खोले जाएंगे। 9 अगस्त की रात 12 बजे तक दर्शन किए जा सकेंगे। वर्ष में एक बार नागपंचमी पर ही इस मंदिर के पट 24 घंटे के लिए खोले जाते हैं। नागचंद्रेश्वर और महाकालेश्वर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को अलग-अलग कतार में लगना होगा। व्यवस्थाओं को लेकर गुरुवार को कंट्रोल रूम, महाकाल मंदिर में संभागायुक्त संजय गुप्ता, आईजी संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, प्रशासक मृणाल मीना की बैठक में यह निर्णय लिए गए।

ऐसी रहेगी नागचंद्रेश्वर दर्शन की व्यवस्था

प्रवेश : भील समाज धर्मशाला से तीन पंक्तियों में गंगा गार्डन, चारधाम मंदिर पार्किंग, जिगजेग, हरसिद्धि चौराहा से रुद्रसागर की दीवार के पास से विक्रम टीला होकर बड़ा गणेश मंदिर के सामने से गेट नंबर 4 एवं 5 के रास्ते विश्रामधाम, एयरो ब्रिज होते हुए नागचंद्रेश्वर के दर्शन होंगे।

निर्गम : दर्शन के बाद एयरो ब्रिज से विश्रामधाम रैंप, मार्बल गलियारा होते हुए पालकी निकालने वाले मार्ग के पास से नवनिर्मित मार्ग से प्रीपेड बूथ तिराहा, बड़ा गणेश के सामने से हरसिद्धि चौराहा, हरसिद्धि धर्मशाला के पास से नृसिंह घाट तिराहा पहुंचेंगे।

दिव्यांग सुविधा : दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की जाएगी। इसका दायित्व कोटवारों को सौंपा जाएगा। वहीं, नागचंद्रेश्वर दर्शन के लिए मंदिर परिसर में बने एयरो ब्रिज की क्षमता का तकनीकी परीक्षण और जांच लोक निर्माण विभाग करेगा। संभागायुक्त ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए एयरो ब्रिज की मजबूती और उपयोग के लिए उपयुक्त होने का प्रमाण-पत्र कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग से लिया जाएगा।

महाकाल दर्शन के लिए अलग कतार

नागपंचमी पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन, पूजन के लिए त्रिवेणी संग्रहालय के पास से कतार लगाई जाएगी। यहां से महाकाल लोक, मानसरोवर द्वार, फैसिलिटी सेंटर नंबर 1, टनल से होकर कार्तिकेय, गणेश मंडपम् से दर्शन होंगे। वहीं, 5 अगस्त को निकाली जाने वाली महाकाल की तीसरी सवारी में भीड़ प्रबंधन के लिए हरसिद्धि पाल पर बड़ी एलईडी लगाएंगे। यहां से सवारी का सीधा प्रसारण किया जाएगा।

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