सोयाबीन की फसलों पर कीटव्याधि का प्रकोप दिखे तो किसान दवाईयों का उपयोग करें जिले में डायग्नोस्टिक टीम का समय-समय पर भ्रमण
उज्जैन- उज्जैन जिले में खरीफ मौसम में मुख्य रूप से सोयाबीन की फसल है। वर्तमान
में जिले में सोयाबीन की फसल की स्थिति संतोषजनक है। जिला डायग्नोस्टिक टीम समय-समय पर क्षेत्र
का भ्रमण कर रही है। फसलों में कहीं पर भी कीटव्याधि का प्रकोप न है। वर्तमान में फसल की आवश्यकता
अनुसार वर्षा हो रही है। कृषि विभाग द्वारा भारतीय सोयाबीन अनुसंधान इन्दौर से प्राप्त जानकारी अनुसार
जिले के कृषकों को सलाह दी है कि अपने खेत की सतत निगरानी कर खेत में जाकर 3-4 पौधों को
हिलाकर देखें कि कहीं इल्ली/कीट का प्रकोप तो नहीं है। यदि कहीं पर एक वर्गमीटर में 3-4 इल्लियां दिखाई
दें, तो कीटनाशक का स्प्रे करें। जहां पर सोयाबीन की फसल घनी होने पर गर्डल बिटल का प्रकोप संभव है।
किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उप संचालक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गर्डल
बिटल की पहचान पौधे पर दो रिंग बने हुए दिखाई देते हैं और सोयाबीन की फसल लटकी या मुरझाई-सी
दिखे तो किसान उसको तोड़कर खेत से बाहर फैंक दें। जलभराव से होने वाले नुकसान से बचाने के लिये
जल निकासी की उचित व्यवस्था की जाये। कहीं पर कीटव्याधि का प्रकोप दिखे तो क्षेत्रीय कृषि विस्तार
अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन एवं कृषि विभाग के अधिकारियों से
सम्पर्क कर उनके द्वारा बताई गई दवाईयों का उपयोग करना सुनिश्चित करें।