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विक्रम की पीएचडी प्रवेश परीक्षा को लेकर फिर लगे आरोप:पहले भी पीएचडी प्रवेश परीक्षा को लेकर एफआईआर दर्ज हो चुकी है


विक्रम विश्वविद्यालय में 18 जुलाई को हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा एक बार फिर विवाद में है। कई छात्रों ने परीक्षा नियमों के विपरित कराने और परीक्षा की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाते हुए आरोप लगाए है। राज्यपाल के नाम दिए ज्ञापन में प्रवेश परीक्षा की जांच कराने और आगामी कार्यवाही रोकने की मांग की है।

विक्रम विश्वविद्यालय में वर्ष 2022 में हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा में गड़बडी की शिकायतों के बाद लोकायुक्त में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इसके बाद हाल ही में 18 जुलाई को पीएचडी प्रवेश परीक्षा का आयोजन ऑनलाइन कराया गया था। परिणाम आने के बाद छात्रों का असंतोष फिर सामने आ गया है। परीक्षा प्रक्रिया, नियमों को लेकर सवाल उठाए गए है। डॉ.भीमराव अंबेडकर छात्र संगठन के अध्यक्ष राम सोलंकी ने बताया कि प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षा में लगातार फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। इधर, विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2024 में भी ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करवाने के नाम जगकर फर्जीवाड़ा किया गया। खुलेआम यूजीसी के निर्देश, विश्वविद्यालय के अध्यादेश, पीएचडी अध्यादेश और रेग्युलेशन का उल्लंघन कर परीक्षा आयोजित करवाई गई। ऐसी परिस्थितियों में महत्वपूर्ण है कि विक्रम विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2024 की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाए और जब तक जांच पूरी हो तब तक प्रक्रिया रोकी जाए। ज्ञापन लेने के दौरान प्रभारी कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा, परीक्षा कंट्रोलर एमएल जैन, डीएसडब्ल्यू प्रो. एसके मिश्रा मौजूद थे।

प्रवेश परीक्षा को लेकर यह लगाए आरोप

1. ऑनलाइन परीक्षा आयोजन के लिए रेग्यूलेशन या फिर नियमावली का निर्माण कर सक्षम अनुमति नही प्राप्त की।

2. विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत पीएचडी प्रवेश के लिए अध्यादेश 11 है। इसमें समस्त प्रक्रिया उल्लेखित है। जबकि कुलगुरु द्वारा ऑनलाइन परीक्षा के नाम पर आरएसी कमेटी का गठन नही किया और पूरी परीक्षा को सीधे अपने नियत्रंण में रखकर प्रभावित करने का कार्य किया।

3. ऑनलाइन परीक्षा के बाद छात्रों को उनकी रिस्पॉस शीट उपलब्ध नही करवाई गई,जो संदेह को जन्म देता है।

4. ऑनलाइन परीक्षा के नाम पर दावे और आपत्ति के लिए कई दिन तक रिजल्ट रोका गया। ऑनलाइन रिजल्ट जारी होने के बाद दस्तावेजी प्रमाण के लिए ऑनलाइन रिकॉर्ड संधारित होता है। इस पर प्रशासनिक जिम्मेदार के हस्ताक्षर होते है। क्या निजी एजेंसी को रिजल्ट को प्रमाणित करने का अधिकार है। रिजल्ट किस अधिकारी के हस्ताक्षर से प्रमाणित किया गया।

5. अध्यादेश में विक्रम विश्वविद्यालय का परिक्षेत्र उल्लेखित है। ऐसे में परीक्षेत्र से बाहर इंदौर में परीक्षा क्यों आयोजित करवाई गई।

6. प्रवेश परीक्षा में कितने विद्यार्थी सम्मिलित हुए, कितने उत्तीर्ण हुए, कितने अनुत्तीर्ण हुए कटऑफ क्या रहा। रिजल्ट शीट बंद कर दी है, जिसे ओपन किया जाए।

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