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महाकाल की नगरी बनाएगी डमरू बजाने का विश्व रिकॉर्ड


विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में अब भगवान महाकाल का प्रिय वाद्य यंत्र डमरू के स्वर के साथ विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। महाकाल की नगरी में इस तरह का आयोजन पहली बार बाबा महाकाल की सवारी निकलने के पहले होगा। इसके पहले महाशिवरात्रि पर शिवज्योति अर्पणम् के तहत दीप प्रज्वलित करने का रिकार्ड उज्जैन में बन चुका है।

श्री महाकालेश्वर भगवान की नगरी उज्जैयिनी में श्रावण का महिना खास होता है। देश-विदेश के भक्त भगवान महाकाल की भक्ति में रमे हुए नजर आते है। इस बार श्रावण महिने के प्रारंभ से बाबा महाकाल की सवारी के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुरूप प्रदेश के विभिन्न आदिवासी अंचल के पारंपरिक लोक नृत्य दल के कलाकारों का दल शामिल हो रहा है। सोमवार को निकली बाबा महाकाल की दूसरी सवारी में करीब 350 सदस्यीय पुलिस बैंड ने भोले के गीतों की स्वर लहरी बिखेरी थी।

अब भगवान महाकाल की तीसरी सवारी 5 अगस्त को निकलने के दौरान भगवान महाकाल का प्रिय वाद्य यंत्र डमरू बजाकर विश्व रिकार्ड बनाने के लिए तैयारी शुरू हुई है। संभव है कि भगवान महाकाल की तीसरी सवारी के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होगें। आयोजन की तैयारी के लिए मंगलवार को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक में निर्णय लिया गया है।

स्थानीय व भोपाल से आएंगे डमरू वादक

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि रिकार्ड बनाने के लिए भगवान महाकाल की तीसरी सवारी निकलने के पहले सवारी मार्ग पर करीब 1500 वादक डमरू बजाकर 10 मिनट प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान विश्व रिकार्ड दर्ज करने वाले अधिकारी भी मौजूद रहेगें। विश्व रिकार्ड के प्रदर्शन के बाद डमरू वादक भगवान महाकाल की सवारी में शामिल रहेंगे। डमरू वादक संस्कृति विभाग भोपाल से कलाकार रहेगें। वहीं भगवान महाकाल की सवारी के साथ चलने वाली भजन मंडली के सदस्यों को भी डमरू वादन के लिए शामिल किया जाएगा। आयोजन की तैयारी करने व स्थान और वादक की संख्या तय करने के लिए एक समिति भी बनाई है।

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