हारे का सहारा बन रहे उज्जैन पुलिस के चंद्रभान,कई बिछड़े श्रद्धालुओं को मिलवा चुके परिजनों से
उज्जैन की महाकाल पुलिस ने मानवता और सेवा की मिसाल पेश करते हुए एक खोई हुई महिला दर्शनार्थी को उसके परिजनों से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह घटना उस समय की है जब 35 वर्षीय निलम देवी, पति साधू यादव, अपने परिवार के साथ धागवा जगदीश, थाना धारिया सूजान, जिला कुशीनगर, उत्तर प्रदेश से उज्जैन आई थीं।
भीड़भाड़ में निलम देवी अपने परिजनों से बिछड़ गईं और उन्हें यह भी नहीं पता था कि वे कहाँ ठहरे हुए थे। परेशान और असहाय, वे महाकाल पुलिस थाने पहुंचीं। थाने में उनके आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। उन्होंने बताया कि उनकी वापसी की ट्रेन दोपहर 2 बजे है, लेकिन परिजनों के मोबाइल नंबर उन्हें याद नहीं थे।
थाना प्रभारी महाकाल, श्री अजय कुमार वर्मा ने सहायक उपनिरीक्षक चन्द्रभान सिंह को निलम देवी की सहायता करने का निर्देश दिया। चन्द्रभान सिंह ने तत्परता से काम करते हुए महिला द्वारा दिए गए गाँव के पते को गूगल पर सर्च किया और संबंधित थाने का मोबाइल नंबर प्राप्त किया। इसके बाद, उत्तर प्रदेश के थाना धारिया सूजान के पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया और निलम देवी के परिजनों का नंबर प्राप्त किया।
फिर, पुलिस ने तेजी से कार्यवाही करते हुए रेलवे स्टेशन पर निलम देवी को उनके परिजनों से मिलाया और सुनिश्चित किया कि वे समय पर ट्रेन में बैठ सकें। परिजनों के मिलने पर निलम देवी की आँखों में खुशी के आँसू छलक उठे।
इस सराहनीय कार्य के लिए निरीक्षक अजय कुमार वर्मा, उपनिरीक्षक कविता मंडलोई, सहायक उपनिरीक्षक चन्द्रभान सिंह चौहान, प्रआर 177 भूपेन्द्र, और प्रआर सुमित सोनाने को विशेष सराहना मिली। महिला के परिजनों ने उज्जैन पुलिस का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनकी सहायता के बिना यह मिलन संभव नहीं था।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने में ही नहीं, बल्कि मानवता की सेवा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उज्जैन पुलिस के इस सराहनीय कार्य की हर तरफ प्रशंसा हो रही है।