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आमजन को संस्कृत से जोड़ने के लिए 53 जिलों में सरल संस्कृत संभाषण वर्ग शिविर


कालिदास संस्कृत अकादमी आगामी तीन माह में पूरे मध्यप्रदेश में विविध कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है। इसके अंतर्गत वनवासी, आदिवासी लोक कलाओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए झाबुआ में वन जन कला शिविर का आयोजन किया जाएगा। अनुसूचित जनजाति के कलाकारों को शिविर में आमंित्रत कर महाकवि कालिदास की रचना रघुवंशम पर चित्र निर्माण करवाए जाएंगे। इसी प्रकार समरस कला शिविर में आमंित्रत अनुसूचित जाति के कलाकारों से मूर्ति शिल्प का निर्माण करवाया जाएगा।

अकादमी के निदेशक डॉ. गोविंद गंधे ने बताया मध्यप्रदेश के 53 जिलों में आमजन को संस्कृत से जोड़ने की दृष्टि से अकादमी द्वारा सरल संस्कृत संभाषण वर्ग आयोजित किए जाएंगे। इन वर्गों के प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों का आवासीय प्रशिक्षण वर्ग में आयोजित किया जाएगा। बाल नाट्य समारोह के अंतर्गत संस्कृत नाटकों की प्रस्तुतियों के लिए नाट्य संस्थाओं एवं विद्यालयों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जा रहे हैं। संस्कृत गौरव दिवस, विदिशा में आयोजित होगा। इसी प्रकार एक माह का संस्कृत नाट्य प्रशिक्षण शिविर अकादमी में आयोजित किया जाएगा व इस नाट्य प्रशिक्षण शिविर में तैयार प्रस्तुति का मंचन अभा कालिदास समारोह के अवसर पर किया जाएगा।

तीन दिवसीय संस्कृत नाट्य समारोह का आयोजन भी उज्जैन में होगा, जिसमें कालिदास और भास विरचित नाटकों का मंचन करवाया जाएगा। महर्षि वाल्मीकि पर केंद्रित वाल्मीकि समारोह का आयोजन चित्रकूट में होगा। बच्चों और युवाओं में संस्कृत रचनाधर्मिता को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें संस्कृत कविता, नाटक, कहानी, लेखन के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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