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सीमांकन के दौरान धर्मशाला की सीमा में मंदिर ट्रस्ट की निकली 9 बिसवा जमीन


गांव मकोड़ी में मंदिर समिति व धर्मशाला को लेकर पिछले लगभग 1 वर्ष से भी अधिक समय से जमीन को लेकर कानूनी तौर पर विवाद चल रहा था, जिसके चलते धर्मशाला से जुड़े लोगों ने निर्माण के दौरान 4 जून 2023 को मंदिर के बीम भी तोड़े जाने का मामला सामने आया था। लेकिन पिछले दिनों हुए सीमांकन के दौरान सब कुछ पानी की तरह साफ हो गया और धर्मशाला की जमीन में मंदिर ट्रस्ट की 9 बिसवा जमीन निकली है।

मकोड़ी के सोमेश्वर महादेव मंदिर निर्माण के लिए विधायक निधि से 40 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी, जिसके चलते ग्राम पंचायत के द्वारा मंदिर का निर्माण कार्य करवाया जा रहा था। कार्य के चलते पिछले वर्ष यहां पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। गौरतलब है कि इस मंदिर के सटकर ही धर्मशाला भी बनी हुई है। मंदिर निर्माण कार्य के चलते धर्मशाला से जुड़े कुछ लोगों ने 4 जून 2023 को मंदिर के बीम तोड़ दिए थे और दावा किया था कि जिस जगह यह निर्माण किया जा रहा है।

वह जमीन धर्मशाला की सीमा में है। मंदिर के बीम तोड़ने के बाद आक्रोशित मंदिर ट्रस्ट के लोगों ने नायब तहसील, तहसील व एसडीएम से लगाकर कलेक्टर तक को आवेदन देकर निष्पक्ष तरीके से सीमांकन कर दोषी पाए जाने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। एसडीएम ने आवेदन पर अमल करते हुए राजस्व विभाग का एक दल गठित कर उक्त भूमि का सीमांकन करने के लिए निर्देश जारी कर दिया। 1 अप्रैल 2024 को मंदिर की भूमि का सीमांकन मशीन द्वारा किया गया, जिसमें सिद्ध हुआ कि मंदिर की कुल भूमि 0.25 है, वर्तमान में मंदिर ट्रस्ट के पास सिर्फ 0.05 बिसवा ही भूमि है।

बाकी 0.09 बिसवा मंदिर की भूमि पर अवैध धर्मशाला पूर्व में निर्मित कर ली गई है। शासकीय रिकॉर्ड में सोमेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट तो दर्ज है लेकिन धर्मशाला का कोई रिकॉर्ड ही नहीं है क्योंकि जिस जगह धर्मशाला का निर्माण हुआ है। खसरे में वह कृषि भूमि है। न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी के आदेश दिनांक 10/08/2009 से मंदिर का ट्रस्ट सोमेश्वर महादेव सेवा न्यास रजिस्टर्ड है। नायब तहसीलदार घनश्याम लोहार ने बताया कि मंदिर की भूमि धर्मशाला में निकली है, जो सीमांकन में दर्ज है। मामले में कार्यवाही चल रही है।

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