जैन साध्वी दुर्लभमति माताजी का कल आर्यिकाओं के साथ होगा मंगल प्रवेश
उज्जैन | दिगंबर जैन समाज के पूरे भारत वर्ष में विराजित जैन साधु-संत वर्षाकाल में चतुर्मास स्थापना कर शहर से बाहर नहीं जाने की कड़ी प्रतिज्ञा लेते हैं इसके पीछे उनका मुख्य उद्देश्य चारों तरफ हो रही बारिश और हरियाली में एक इंद्री आदि जीवों का घात न हो उसकी रक्षा हो सकें और वे स्वयं अपनी साधना, तपस्या एक स्थान पर अच्छे से कर सकें।
इसी उद्देश्य को लेकर आर्यिका दुर्लभमति माताजी अपने साथ 4 अन्य आर्यिकाओं के साथ 21 जुलाई को 475 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर उज्जैन के महावीर मंदिर लक्ष्मी नगर से सुबह 8 बजे नगर में प्रवेश करेगी, जिनकी आगवानी उज्जैन जैन समाज द्वारा की जाएगी।
चतुर्मास सेवा समिति ने बताया गया कि इस वर्ष दुर्लभमति माताजी, अनर्धमति माताजी, श्वेतमति माताजी, पृथ्वी मति माताजी और विदेह मति माताजी के चातुर्मास का सौभाग्य उज्जैन को प्राप्त हुआ है। गुरु पूर्णिमा पर लक्ष्मीनगर जिनालय से पार्श्वनाथ पंचायती मंदिर फ्रीगंज में मंगल प्रवेश होगा, जहां आचार्यश्री की पूजन के पश्चात सुबह 9.15 पर प्रवचन होगे।