खड़े गेहूं की उपज पर पानी गिरने से लगी डंक की बीमारी
खड़े गेहूं पर पानी गिरने के कारण समय के पूर्व उपज बीमारी का शिकार होने लगी है। नए गेहूं में धंधेर (एक तरह का कीड़ा) के बाद आंिशक डंक भी लगने लगा है। कृषि उपज मंडी में पांच दिन के अवकाश के बाद खुली, फिर भी गेहूं की आवक कमजोर रही।
मंडी सूत्रों के अनुसार बुधवार को मंडी नीलाम में 11 हजार िक्वंटल गेहूं की आवक रही। देखा जाए तो सीजन अप्रैल में ही ऑफ हो चुका था लेकिन सरकारी समर्थन की खरीदी की अंतिम तारीख 20 मई तक की होने से किसान अभी भी अपना गेहूं बेच रहे हैं। किसानों को गेहूं उपज में संकट का सामना इस बार अधिक करना पड़ा। हार्वेस्टर मशीन से गीला-सूखा गेहूं काटने के बाद धूप नहीं मिली। ऐसे में धंधेर और जल्दी लग गए। सालभर की खरीदी वालों की शिकायत भी आने लगी है।
किसान पर्वतसिंह पटेल ने बताया गेहूं को सुरक्षित रखा, वहां यह बीमारी नहीं है लेकिन खुले में रखा गेहूं जरूर खराब हो रहा है। गेहूं को खेरची में बेचने वाले को मुसीबत का सामना अधिक करना पड़ रहा है। किसान भी बीमारी के डर से सस्ता-महंगा जिस भाव बिके, बेच रहे हैं।
दवा के कारण बीमारी नहीं होगी मप्र वेयर हाउस उज्जैन के प्रबंधक अविनाश व्यास ने कहा- दवाओं के डोज के साथ सुरक्षित रखने से बीमारी का डर नहीं र हता है। अच्छे खराब के चलते आम खरीदार अब साल भर का गेहूं कम खरीद रहे हैं। इसका विकल्प तैयार आटा होने से खरीदार अब आटा बिक्री को ही अच्छा मान रहे हैं। उज्जैन का लोकल आटा और बाहर से आने वाला सस्ता आटा जांच के मुहाने पर बताया जा रहा है। सस्ता और सफेद आटा जांच के दायरे में आ सकता है।