कसम ले लो, हमने प्यार किया है, प्यार करेंगे... सत्येंद्र
उज्जैन | साहित्यिक संस्था गजलांजलि की काव्य गोष्ठी राजीव पाहवा के निवास दशहरा मैदान पर आयोजित की गई। डॉ. श्रीकृष्ण जोशी की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी की शुरुआत डॉ. विजय सुखवानी ने गजल दिखती आसान है पर तुझमें दुश्वारी बहुत है पढ़कर की। हमेशा नए-नए विषयों को अपनी रचनाओं में माध्यम से उठाते डॉ. आरपी तिवारी ने मां पर अपनी रचना मां के रूप में अनेक पूज्य सब, निर्मल स्नेहिल धारा है, हर मां का है स्नेह अलौकिक, सबसे बड़ा सहारा है। इसके बाद दिलीप जैन ने मानव स्वभाव पर क्षणिकाएं प्रस्तुत की गलती करना हमारा स्वभाव है, अपेक्षित नहीं दुखी होना अपनी गलती पर। सत्यनारायण सत्येंंद्र न कसम ले लो, हमने प्यार किया है, प्यार करेंगे, इकरार करते हैं रचना पढ़ी। प्रफुल्ल शुक्ला ने पिता के त्याग पर अपनी रचना से सबका मन मोह लिया। विनोद काबरा, राजेंद्र शर्मा, शैलेश मिश्र, डॉ. अखिलेश चौरे ने गजल पढ़ी। दिलीप जैन ने आभार माना।