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देश में अखाड़ों के मंदिरों के गर्भगृह में पुजारियों को जाने की अनुमति दी जाएं


- पुजारी महासंघ ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं संभागायुक्त को पत्र लिखकर की मांग  
उज्जैन। देश में सनातन धर्म के प्रसिद्ध मंदिरों के गर्भगृह में सामान्य दर्शनार्थियों को नियमानुसार और समय अनुसार समान रूप से दर्शन करने की अनुमति स्थानीय प्रशासन तय करता है।
प्रायः यह देखा गया है कि देश के मठों और अखाड़ों के मंदिरों के गर्भगृह में देश के प्रसिद्ध मन्दिरों के पुजारियों को जाने की अनुमति नहीं दी जाती है और वहां पुजारियों का अपमान किया जाता हैं जो कि अनुचित हैं। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय सचिव रूपेश मेहता ने बताया कि हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन के मठों और अखाड़ों के मंदिरों में पुजारियों के अपमान की सूचना प्राप्त हुई हैं। साथ ही उज्जैन में कई मठों और अखाड़ों के मंदिरों में जैसे चार धाम, रामानुजकोट, मौन तीर्थ, बगलामुखी, भर्तृहरि गुफा, राम मंदिर, बालाजी मंदिर, इस्कॉन और अन्य मंदिरों के गर्भगृह में देश, प्रदेश और नगर के पुजारियों को प्रवेश नहीं दिया जाता है। यह पुजारियों का अपमान है। पुजारी महासंघ पुजारियों के मान सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं इसलिए अ.भा. पुजारी महासंघ ने पत्र भेजकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और उज्जैन कमिश्नर से मांग की है कि देश के मठों और अखाड़ों के मंदिरों के गर्भगृह में देश और नगर के पुजारियों को जाने की अनुमति दिलवाए जिससे पुजारियों के मान सम्मान की रक्षा हो सके।

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