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Home - उज्जैन << महाकाल मंदिर परिसर के 19 मंदिरों को एक ही पुजारी को दिए जाने का मामला सामने आया है।

महाकाल मंदिर परिसर के 19 मंदिरों को एक ही पुजारी को दिए जाने का मामला सामने आया है।


महाकाल मंदिर परिसर के 19 मंदिरों को एक ही पुजारी को दिए जाने का मामला सामने आया है। इसमें एक ही पुजारी को इतने मंदिरों की पूजा व्यवस्था दे दी गई है। आरोप है कि उक्त पुजारी ने भी मंदिरों की पूजा व्यवस्था ठेके पर यानी बाहरी लोगों को दे दी है। इसे लेकर लिखित शिकायत जिला प्रशासन से की गई है और प्रकरण भी कोर्ट में लगाया जा रहा है।

शिकायत में उल्लेख किया है कि महाकाल मंदिर परिसर में करीब 19 मंदिरों पर अतिक्रमण किया हुआ है। इन मंदिरों की पूजा व्यवस्था ठेके पर दे दी गई है। यानी बाहर के लोग मंदिरों में पूजा कर रहे हैं। भगवान श्री महाकाल की भस्मआरती में केमिकल युक्त गुलाल उड़ाने से लगी आग से 14 लोगों के झुलसने के बाद मंदिर से जुड़े मुद्दे उठने लगे हैं। इसमें यह सवाल तो उठा ही रहा है कि गर्भगृह में 14 लोग कैसे और किसकी अनुमति से पहुंचे थे। साथ ही महाकाल मंदिर परिसर में स्थित मंदिरों की पूजा व्यवस्था का मामला कलेक्टर नीरजकुमार सिंह तक पहुंचा है।

पूर्व में हुई शिकायत के आधार पर बिंदु क्रमांक 07 में उल्लेखित आरोपों के चलते जांच हुई थी, जिसमें पाया गया था कि महाकाल मंदिर परिसर में एक ही पुजारी की ओर से 19 मंदिरों में पूजा व्यवस्था करना पाया गया था। जांच प्रतिवेदन में यह भी उल्लेख है कि एसडीएम के आदेश के तहत 31 अक्टूबर-83 के पालन में मंदिरों की पूजा व्यवस्था की गई है। यह प्रतिवेदन सहायक प्रशासन द्वारा तैयार किया जाकर श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक को प्रेषित किया गया था। याचिकाकर्ता व सामाजिक कार्यकर्ता सारिका गुरु का कहना है कि वैधानिक प्रावधान तो यह है कि एक पुजारी एक ही मंदिर में पूजन कर सकता है, बावजूद इसके एक ही पुजारी को 19 मंदिर दे दिए गए हैं, जिन्होंने मंदिरों में पूजा के लिए बाहरी लोग रख लिए हैं। उनका सीधा आरोप है कि पुजारी ने मंदिरों में पूजा व्यवस्था को ही ठेके पर दे दिया है। 84 महादेव मंदिर में पुजारी नियुक्त करने का वैधानिक अधिकार अनुविभागीय अधिकारी को ही है, भले ही 84 मंदिर में से कोई भी मंदिर किसी भी जगह पर क्यों न हो।

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