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सुप्रीम कोर्ट के आदेश है कि महाकाल मंदिर से 500 मीटर के भीतर अतिक्रमण सुनिश्चित करें।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश है कि महाकाल मंदिर से 500 मीटर के भीतर अतिक्रमण सुनिश्चित करें। नगर निगम ने महाकाल क्षेत्र से लेकर लखेरवाड़ी तक में भवन अनुज्ञा ही देना बंद कर रखी है, जिससे क्षेत्र में मकान-दुकान व होटल-रेस्टोरेंट के निर्माण थमे हुए हैं। नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक का कहना है कि आदेश को लेकर लीगल ओपिनियन लिया जा रहा है।

कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि कलेक्टर व एसपी महाकाल मंदिर से 500 मीटर के भीतर अतिक्रमण सुनिश्चित करें और मंदिर क्षेत्र के विशेषज्ञ समिति के सुझाव के अनुसार कार्रवाई करें। इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए। यह आदेश सर्वोच्च न्यायालय की ओर से एक याचिका की सुनवाई में दिए गए थे। इसके बाद नगर निगम उज्जैन की ओर से महाकाल मंदिर क्षेत्र में 500 मीटर के दायरे में मकान या दुकान आदि के निर्माण पर रोक लगाई हुई है। इसमें नगर निगम की ओर से कोर्ट के आदेश का हवाला दिया जाता रहा है। ऐसे में कुछ निर्माण तो थम गए हैं और कुछ निर्माण नगर निगम की भवन अनुज्ञा के बगैर ही हो रहे हैं।

इनमें एमआेएस व सेटबैक भी नहीं छोड़ा जा रहा है। कोर्ट के आदेश में यह उल्लेख भी किया गया है कि चंद्र नागेश्वर मंदिर के संरक्षण और रखरखाव के संबंध में व्यापक योजना तैयार और कार्यान्वित की जाए और इसकी जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत की जाए। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में कोई क्षेत्र फिसलन भरा है तो मंदिर समिति आवश्यक कार्य सुनिश्चित करेगी। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने फैसला देते हुए यह आदेश दिए थे। खंडपीठ में न्यायमूर्ति बीआर गवई व न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी थे। जिन्होंने विशेषज्ञ समिति मंदिर का वार्षिक सर्वेक्षण करने और न्यायालय को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी आदेश दिए।

इस कारण निगम को हाउस टैक्स व कमर्शियल टैक्स की प्राप्ति नहीं हो पा रही। एमआेएस व सेटबैक भी नहीं छोड़ा जा रहा। मकानों को दुकानों व होटल में बदला जा रहा। नक्शे स्वीकृत नहीं तो बगैर अनुज्ञा के निर्माण कर लिए क्षेत्र के लोगों के मकान तक के नक्शे पास नहीं हो रहे हैं। करीब 10 माह से लोग नक्शा स्वीकृत करवाने के लिए नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं। कई लोगों ने तो इससे थक हारकर बगैर नक्शा पास करवाए ही निर्माण कर लिया है। महाकाल मंदिर मार्ग, चौबीस खंभा मार्ग, जवाहर मार्ग, जयसिंहपुरा मार्ग, तकिया मस्जिद, निजामुद्दीन कॉलोनी व आसपास के क्षेत्र में मकान या दुकान निर्माण की अनुमति नहीं मिल पा रही है।

लीगल ओपिनियन के बाद करेंगे कार्रवाई ^कोर्ट के आदेश को लेकर लीगल ओपिनियन लिया जा रहा है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। लीगल ओपिनियन को एमआईसी व निगम के सदन में भी ले जा चुके हैं। आशीष पाठक, आयुक्त न नि लखेरवाड़ी क्षेत्र तक के निर्माण पर रोक ^महाकाल क्षेत्र तो ठीक लखेरवाड़ी तक के निर्माण कार्यों पर रोक लगा रखी है। यहां के नए निर्माण की भवन अनुज्ञा नहीं दी जा रही है। रोक लगी होने से क्षेत्र में डेवलपमेंट के कार्य नहीं हो पा रहे हैं। रजत मेहता, पार्षद

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