ड्रोन से 1 एकड़ जमीन पर 10 मिनट में उर्वरक छिड़काव, इससे समय और पानी की बचत
दताना की रहने वाली राधा सिसोदिया एक किसान परिवार से हैं। उन्होंने पॉलिटेक्निकल कॉलेज से रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल में डिप्लोमा करने के बाद जैविक खाद बनाने का प्रशिक्षण लिया। खेतों में उपयोग होने वाले केमिकल का दुष्प्रभाव जानने के बाद उन्होंने अपने खेतों में उपयोग के लिए जैविक खाद और दवाइयां बनाना शुरू की थी लेकिन देखते ही देखते आसपास के अन्य किसानों ने भी जैविक खाद के लिए उनसे संपर्क करना शुरू कर दिया। आज वे रोजाना 20 लीटर दवाई और 2 महीने में 3 क्विंटल से ज्यादा वर्मीकंपोस्ट तैयार करती हैं और साथ ही किसानों के कहने पर ऑर्डर भी तैयार कर सप्लाई कर रही है।
इसके चलते 30 से 40 महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। राधा सर्टिफाइड डेयरी और वर्मीकंपोस्ट ट्रेनर भी हैं, जिनके अंडर में कई महिलाएं प्रशिक्षण लेकर अपना काम शुरू कर रही हैं। साथ ही राधा उज्जैन विकासखंड की पहली महिला ड्रोन पायलट हैं। राधा ने खेतों में उर्वरक डालने के लिए ड्रोन चलाने की विशेष शासकीय ट्रेनिंग इंदौर से ली है। राधा ने बताया कि उन्होंने शासकीय मदद से जनवरी में ड्रोन चलाना सीखा। उन्हें सरकार की तरफ से ड्रोन भी दिया है। ड्रोन की मदद से उर्वरक छिड़काव करने से किसानों का समय, लागत और सिंचाई के लिए उपयोग में पानी की बचत होगी।
ड्रोन से 1 एकड़ जमीन पर 7 से 10 मिनट में उर्वरक का छिड़काव हो सकेगा। इसे कोई भी महिला चलाना सीखकर रोजगार प्राप्त कर सकती है। साथ ही राधा के साथ मिलकर 10 और महिलाएं सुगमता महिला फॉर्मर प्रोडयूसर नामक कंपनी शुरू कर रही है। जो बढ़े स्तर पर वर्मीकंपोस्ट और जैविक उत्पाद तैयार कर सप्लाई करेगी। इस कंपनी में राधा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर है।