जिले के समस्त सार्वजनिक पेयजल स्त्रोतों से जल का उपयोग बिना अनुमति नहीं करेंगे नलकूप खनन पर रहेगा प्रतिबंध
उज्जैन 03 अप्रैल- उज्जैन जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में पेयजल संकट उत्पन्न न हो इस
दृष्टि से सम्पूर्ण जिले में पेयजल परिरक्षण अधिनियम-1986, संशोधित अधिनियम-2002 तथा संशोधित-
2022 के प्रावधानों को कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री नीरज कुमार सिंह ने आदेश जारी किया गया
है। आदेश की अवधि एक अप्रैल से 30 जून तक अथवा पर्याप्त वर्षा होने तक रहेगी।
आदेश के तहत जिले के समस्त सार्वजनिक पेयजल स्त्रोतों से कोई भी व्यक्ति सिंचाई, औद्योगिक
प्रयोजन, किसी अन्य प्रयोजन के लिये जल का उपयोग बिना अनुमति नहीं करेंगे। नलकूप खनन का कार्य
प्रतिबंधित रहेगा। विशेष परिस्थितियों में निजी नलकूप खनन की विधिवत अनुमति हेतु आवेदन पत्र
संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत किये जाऐंगे, जो पेयजल परिरक्षण
अधिनियम-1986 में अंकित शर्तों के अधीन परीक्षण पश्चात् अनुमति जारी करेंगे। किसान कल्याण तथा
कृषि विकास विभाग अंतर्गत संचालित राज्य पोषित नलकूप योजना अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उक्त
प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।
आदेश का उलंघन किये जाने पर मध्य प्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम-1986, संशोधित
अधिनियम-2002 एवं संशोधित-2022 के प्रावधान आकृष्ट होंगें, जिसके अंतर्गत आदेश का उल्लंघन सिद्ध
पाये जाने पर प्रथम अपराध के लिये राशि रू. 5000/- के जुर्माने से और पश्चातवर्ती प्रत्येक अपराध के
लिये राशि रू. 10000/- के जुर्माने से या कारावास से जो दो वर्ष तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा।