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मूर्ख दिवस की उत्पत्ति प्राचीन रोमन त्यौहार "हिलारिया" से प्रेरित है


मूर्ख दिवस: 1 अप्रैल को मनाया जाने वाला मज़ेदार त्यौहार

मूर्ख दिवस 1 अप्रैल को मनाया जाने वाला एक मज़ेदार त्यौहार है, जिसमें लोग एक दूसरे को मूर्ख बनाकर हँसी-मज़ाक करते हैं। इस दिन लोग झूठी बातें कहकर, मज़ेदार प्रैंक खेलकर और अजीबोगरीब चीजें करके एक दूसरे को हंसाने की कोशिश करते हैं।

मूर्ख दिवस की उत्पत्ति का इतिहास निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि यह प्राचीन रोमन त्यौहार "हिलारिया" से प्रेरित है। हिलारिया, जो मार्च के अंत में मनाया जाता था, हंसी और मज़ाक का त्यौहार था।

मूर्ख दिवस दुनिया भर में कई अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कुछ देशों में, लोग इस दिन एक दूसरे को मूर्ख बनाने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए झूठे समाचार पत्रों और पत्रिकाओं का उपयोग करते हैं। अन्य देशों में, लोग मज़ेदार प्रैंक खेलकर और अजीबोगरीब चीजें करके एक दूसरे को हंसाने की कोशिश करते हैं।

भारत में भी मूर्ख दिवस धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है। लोग इस दिन सोशल मीडिया पर मज़ेदार पोस्ट और वीडियो शेयर करके, और अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को मूर्ख बनाकर हँसी-मज़ाक करते हैं।

मूर्ख दिवस एक मज़ेदार त्यौहार है जो हमें हंसने और खुश रहने का मौका देता है।

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