गांवों में रहने वालों के लिए स्थाई रूप से प्राथमिक सेवा व 24 घंटे आपात इमरजेंसी सेवा देने के लिए जिले में 87 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भवन बनाए जा रहे हैं।
गांवों में रहने वालों के लिए स्थाई रूप से प्राथमिक सेवा व 24 घंटे आपात इमरजेंसी सेवा देने के लिए जिले में 87 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भवन बनाए जा रहे हैं। यह सेंटर्स सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) और एएनएम द्वारा संचालित किए जाते हैं।
24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं देने के उद्देश्य से भवन में ही सीएचओ और एएनएम निवास बनाया जाएगा। प्रत्येक सेंटर का बजट 65 लाख रुपए तय है। इसके चलते 87 हेल्थ और वेलनेस सेंटर को बनाने के लिए 56 करोड़ 55 लाख रुपए की लागत आएगी। प्रत्येक केंद्र में 12 तरह की प्राथमिक और इमरजेंसी सेवाएं व एएनएम द्वारा टीकाकरण किया जाएगा व परिवार कल्याण से जुड़ी सेवाएं दी जाएंगी।
इन सेवाओं में गर्भावस्था और प्रसव में देखभाल, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, बचपन और किशोर स्वास्थ्य सेवाएं, परिवार नियोजन सेवाएं, संचारी रोगों का प्रबंधन, सामान्य संचारी रोगों का प्रबंधन, असंचारी रोगों का प्रबंधन, दांतों से जुड़े रोग, नेत्र संबंधित समस्याएं, बुजुर्गों के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाएं, इमरजेंसी सेवाएं व मानसिक रोग की जांच और प्रबंधन जैसी सेवाएं रहेंगी।
जिले में 110 सेंटर्स भवन विहीन अभी जिले में कुल 216 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर है, जिनमें से केवल 56 सेंटर के पास शासकीय भूमि है बाकी 110 सेंटर भवन विहीन है। इसके चलते लोगों को स्वास्थ्य सेवा ठीक तरह से नहीं मिल पा रही। 216 में से ही 87 सेंटर्स को भवन मिलेंगे, जिनमें सभी उपकरण और थोड़े समय के लिए मरीज को भर्ती करने की व्यवस्था रहेगी। इन सेंटर्स में 17 तरह की जांचें हो पाएंगी। इनमें से 27 भवनों का काम शुरू हो गया है, बाकी सेंटर्स का निर्माण कार्य आचार संहिता के बाद शुरू किया जाएगा।
^जिले में 87 हेल्थ एवं और वेलनेस सेंटर भवन बनकर तैयार होने वाले हैं। इनमें से कुछ का निर्माण चल रहा है और बाकी आचार संहिता के बाद बनना शुरू हो जाएंगे। इन सेंटर्स के माध्यम से 5000 की आबादी पर एक स्वास्थ्य केंद्र बनकर तैयार होगा। यहां सभी तरह की प्राथमिक सेवाएं मिलेंगी। -डॉ. एसके सिंह, नोडल अधिकारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर