शीतला सप्तमी: महिलाओं ने शीतला माता का पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की
सोमवार को चैत्र मास की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी का पर्व मनाया गया। इस दिन महिलाओं ने शीतला माता का पूजन कर परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना की।
रविवार देर रात 12 बजे बाद से ही शहर के शीतला माता मंदिरों में महिलाओं की कतार लगने लगी थी। थाली में पूजन सामाग्री के साथ विवाहित महिलाएं पूजन के लिए पहुंचने लगी थी। शहर के प्रसिद्ध शीतला माता मंदिरों के बाहर महिलाओं की लंबी कतारें लगी रही। सुबह सूर्योदय के पहले तक पूजन का सिलसिला चलता रहा।
पूजन के बाद घर के बाहर हल्दी के छापे भी लगाए गए। मान्यता है कि शीतला माता का पूजन करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और रोग दूर रहते है। माता को ठंडे व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। इसी के चलते एक दिन पूर्व ही महिलाओं ने व्यंजन बनाए और माता को ठंडे व्यंजनों का भोग लगाया।
सोमवार को घरों में चुल्हे पर तवा या कड़ाई नही चढ़ाई जाएगी। लिहाजा परिवार के सभी सदस्य ने एक दिन पहले बनाया हुआ ठंडा भोजन ग्रहण करेंगे।
शीतला सप्तमी का पर्व गर्मी के मौसम की शुरुआत का प्रतीक भी है। इस दिन शीतला माता का पूजन करके लोग बीमारियों से बचने की कामना करते हैं।
यह पर्व भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कुछ राज्यों में महिलाएं इस दिन व्रत भी रखती हैं।
शीतला सप्तमी का पर्व लोगों को एकजुट करने का भी काम करता है। इस दिन लोग एक दूसरे के घरों में जाकर मिलते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं।
यह पर्व हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का भी अवसर प्रदान करता है। गर्मी के मौसम में शीतला माता हमें शीतलता प्रदान करती हैं और हमें स्वस्थ रहने का आशीर्वाद देती हैं।