बगैर मुद्रक एवं प्रकाशक के नाम और पता पेम्पलेट पोस्टर आदि के मुद्रण एवं प्रकाशन पर प्रतिबंध
उज्जैन- भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन पेम्पलेटों/पोस्टरों आदि का मुद्रण एवं प्रकाशन लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-127क के उपबंधों द्वारा विनियमित किया गया है। उक्त धारा-127क में निम्न उपबंधित किया है- कोई व्यक्ति किसी ऐसे निर्वाचन पेम्पलेट अथव पोस्टर का मुद्रण या प्रकाशन नहीं करेगा अथवा मुद्रित अथवा प्रकाशित नहीं करवायेगा, जिसके मुखपृष्ठ पर मुद्रक एवं उसके प्रकाशक का नाम व पता न लिखा हो। कोई व्यक्ति किसी निर्वाचन पेम्पलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण नहीं करेगा या मुद्रित नहीं करवायेगा, जब तक की प्रकाशक की पहचान की घोषणा उनके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हों, द्वारा सत्यापित न हो तथा जिसे उनके द्वारा डुप्लीकेट में मुद्रक को न दिया जाये तथा जब तक कि दस्तावेज के मुद्रण के पश्चात उचित समय पर मुद्रक द्वारा दस्तावेज की एक प्रति के साथ घोषणा की एक प्रति न भेजी जाये। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि जहां मुद्रित हुआ है, उसके मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तथा किसी अन्य मामले में जिले के जिला मजिस्ट्रेट को जहां यह मुद्रित हुआ है, हाथ से लिखी गई प्रतियों के अलावा दस्तावेज की प्रतियों की संख्या बढ़ाने के लिये किसी प्रक्रिया को मुद्रण समझा जायेगा तथा वाक्यांश मुद्रक को तदनुसार समझा जायेगा। निर्वाचन पेम्पलेट अथवा पोस्टर से तात्पर्य है अभ्यर्थी अथवा अभ्यर्थी के समूह के निर्वाचन के प्रचार या पूर्वाग्रह के उद्देश्य से वितरित किये गये हैंडबिल अथवा दस्तावेज या कोई इश्तेहार जो निर्वाचन के सन्दर्भ में हो, परन्तु जिसमें केवल निर्वाचन एजेन्टों अथवा कार्यकर्ताओं के लिये निर्वाचन सभा अथवा नेमी अनुदेशों की तिथि, समय, स्थान तथा अन्य विवरण की घोषणा से जुड़े कोई हैंडबिल, विज्ञापन अथवा पोस्टर शामिल न हो।