उज्जैन के महेंद्र बुआ एवं उनके साथी कलाकारों के दल ने सितार वादन किया।
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव-2024 के अंतर्गत आयोजित अनादि पर्व के 12वें दिन त्रिवेणी संग्रहालय के मंच पर उज्जैन के महेंद्र बुआ एवं उनके साथी कलाकारों के दल ने सितार वादन किया।
अपने वादन में उन्होंने सबसे पहले मालकौंस आधारित रचना ओम मंगलम्, ओम मंगलम्... को प्रस्तुत किया। इसमें आलाप, जोड़ उलट झाला, सुलट झाला का प्रदर्शन किया। इसके बाद देवी स्तुति जय-जय जग जननी..., श्रीराम स्तुति ठुमक चलत रामचंद्र..., पायो जी मैंने राम रतन..., वैष्णव जन तो तेने..., ठुमरी, मिश्र खमाज धुन, कजरी, गजल आदि की प्रस्तुति दी। सितार एवं मंजीरे पर संगत महेंद्र बुआ ने की। इनके अलावा तबले पर शक्ति नागर, ढोलक पर राकेश बड़गोत्या, सिंथेसाइजर पर अंकित बौराना ने संगत की। संचालन आदित्य चौरसिया ने किया। अनादि पर्व के अंतर्गत 13 मार्च को त्रिवेणी संग्रहालय के मंच पर ज्योत्सना व्यास एवं उनके साथी कलाकारों के दल द्वारा कथक समूह नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।