विक्रमोत्सव में श्रीकृष्ण लीलामृत : गुजरात के लोक कलाकारों ने प्रस्तुत किया पारंपरिक डांडिया रास
विक्रमोत्सव-2024 के अंतर्गत जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण लीलामृत सांस्कृतिक संध्या में वृंदावन के आस्था गोस्वामी एवं दल द्वारा श्रीकृष्ण केंद्रित भक्ति गायन, पंडित खेमिल भोजाभाई (गुजरात) द्वारा डांडिया रास आैर शिरीष राजपुरोहित द्वारा निर्देशित श्रीकृष्ण नृत्य नाट्य की प्रस्तुति हुई।
पंडित खेमिल भोजाभाई (गुजरात) द्वारा पारंपरिक डांडिया रास प्रस्तुत किया गया। प्रथम भाग में उन्होंने होली हुडो रस का मंचन किया। यह रास होली के अवसर पर पुरुषों द्वारा किया जाता है, जबकि दूसरे भाग में उन्होंने ताली रास की प्रस्तुति दी। यह जूनागढ़ के चोरवाड़ प्रांत का रास है, जिसे कोली समुदाय के पुरुषों द्वारा किया जाता है। इधर, शिरीष राजपुरोहित द्वारा निर्देशित श्रीकृष्ण नृत्य नाट्य प्रस्तुति में गर्गाचार्य द्वारा भगवान का पूजन, वेणु लीला, ब्रह्माजी द्वारा राधा-कृष्ण का पाणीग्रहण संस्कार उखल बंधन, माखन चोरी, छाक लीला, कालिया मर्दन जैसे प्रसंगों को प्रस्तुत किया गया। मंच पर कृष्ण के रूप में धनंजय तिवारी, बालकृष्ण के रूप में ख्याति, अनन्या डोरिया, राधा की भूमिका में निकिता पोरवाल, नंद बाबा की भूमिका में कुलदीप ललावत, यशोदा के रूप में कीर्ति ललावत मंच पर थे, जबकि पूनम कुमावत ने रोहिणी, राजेश जूनवाल ने गर्गाचार्य आैर जीवनलाल रायकवार ने उपनंद के किरदार निभाए।
वृंदावन से आए सांस्कृतिक दल ने श्रीकृष्ण केंद्रित भक्ति भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की शुरुआत राधा रमण बिहारी तेरा नाम हो... तुम्हें प्रणाम हो... भजन से हुई। इसके बाद बांकी सलोल लटे लटके सिर..., नजरिया लग जाएगी मोरे कान्हा को कोई मत देखो..., अबकी टेक हमारी... लाज राखो गिरिधारी..., कृष्ण शरण गाहिए... जैसे भजनों की प्रस्तुति दी। मुख्य गायिका के रूप में आस्था गोस्वामी थी। उनके साथ तबले पर एस. दीक्षित, हारमोनियम पर परमानंद गंधर्व एवं बांसुरी पर बलजिंदर सिंह ने संगत की। आज की प्रस्तुति : बुधवार को संगीता गोस्वामी (भोपाल) द्वारा भक्ति गायन, कविता द्विवेदी (दिल्ली) द्वारा जय मां यमुना एवं दशावतार-ओडिसी नृत्य आैर राजपुरोहित के निर्देशन में श्रीकृष्ण नृत्य नाट्य की प्रस्तुति होगी।