धूम्रपान युवाओं में बढ़ी तेजी से बढ़ता हुआ नशा है, जिसके परिणाम स्वरूप अस्पताल के हर विभागों में युवा मरीजों की संख्या पिछले 3 सालों में दोगुनी हो गई है
धूम्रपान युवाओं में बढ़ी तेजी से बढ़ता हुआ नशा है, जिसके परिणाम स्वरूप अस्पताल के हर विभागों में युवा मरीजों की संख्या पिछले 3 सालों में दोगुनी हो गई है। अगर इससे होने वाले रोगों की बात करें तो इसके कारण 10 से भी ज्यादा गंभीर रोग और 7 से भी ज्यादा कैंसर रोग हो सकते हैं।
धूम्रपान सेवन से जीभ, तालु, होठ, ओरोफरीन्जियल, लैरिंजियल (स्वरयंत्र), नेसोफेरिंजियल व लंग कैंसर सहित 7 से ज्यादा कैंसर होते हैं, यही नहीं धूम्रपान से सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीस), अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, स्ट्रोक, हृदय रोग जैसी कई गंभीर बीमारियां होती है। महिलाओं के धूम्रपान करने के चलते गर्भावस्था के दौरान कई परेशानियां आ सकती है। साथ ही बच्चे में जन्मजात विकृति हो सकती है।
हर साल कैंसर अस्पताल में आ रहे 120 लंग कैंसर के मरीज शहर के कैंसर अस्पताल में हर साल 100 से 120 लंग कैंसर के मरीज आ रहे हैं। वहीं हर साल अस्पताल में 800 से 1000 अस्थमा और 200 से 300 ब्रोंकाइटिस के मरीज रहते हैं। डॉक्टर के अनुसार पिछले 3 से 4 सालों में युवा मरीजों की संख्या बढ़ी है, जिसका मुख्य कारण धूम्रपान ही देखा गया है। स्टेट कैंसर नोडल अधिकारी डॉ. सीएम त्रिपाठी ने बताया कि धूम्रपान के चलते मुंह, गले और लंग जैसे कैंसर होते हैं। आज बड़ी समस्या यह है विश्व में लंग कैंसर के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसकी मुख्य वजह धूम्रपान और तंबाकू युक्त पदार्थों का सेवन है।
70 अस्थमा मरीजों में इसकी आदत पाई सामान्य जिला अस्पताल जनरल मेडिसिन एचओडी डॉ. एचपी सोनानिया ने बताया कि धूम्रपान से सबसे ज्यादा अस्थमा और हार्ट अटैक की परेशानी मरीजों में देखने मिलती है। हार्ट अटैक वाले 20 से 30 प्रतिशत मरीजों में व अस्थमा के 60 से 70 प्रतिशत मरीजों में धूम्रपान की आदत मिलती है।