मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना की बदौलत ‘लक्ष्य’ को जन्मजात विकृति से मिली मुक्ति
उज्जैन- उज्जैन जिले के ग्राम गारडी पिपलोदा निवासी श्री मुकेश चौधरी खेती कर थके
हारे घर लोटते थे तो वे इस बार से बेहद दूखी हो जाते थे कि उनका लाड़ला बेटा लक्ष्य उम्र 02 वर्ष कुछ
बोल नही पाता था, जबकि उसकी उम्र के बच्चें ठीक प्रकार से बाते कर लेते है। श्री मुकेश ने उसका अच्छे
से अच्छे चिकित्सकों से उपचार करवाया इस दौरान आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ा प्रायः
लक्ष्य की बीमारी को लेकर जब वह अपनी पत्नि श्रीमती मनीषा से चिन्ता जाहीर करता था तो मनीषा
उसका मन रखने के लिये उससे कह देती थी कि बड़े बुढ़ो ने ऐसा बताया है कि कोई बच्चा देर से बोलना
सिखता है, मेरे पिता जी कहते है कि कोई बच्चें दो साल तो कोई पांच साल मे बोलने लग जाते है तो
उपर वाला उनमे बोलने की शक्ति कभी-कभी देर से भी देता है।