लेटलतीफी या समय पर इंजीनियर्स स्तर पर निर्णय नहीं लिए जाने की वजह से होने वाले कार्य प्रभावित हो रहे हैं
उज्जैन शहर के विकास कार्यों में दूसरे विभागों से जारी होने वाली परमिशन में लेटलतीफी या समय पर इंजीनियर्स स्तर पर निर्णय नहीं लिए जाने की वजह से होने वाले कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में कार्य शुरू ही नहीं हो पा रहे हैं या शुरू होने के बाद बंद करना पड़ रहे हैं।
इस लेटलतीफी में निर्माण सामग्री के दाम बढ़ गए तो फिर रिवाइज एस्टीमेट बनाकर उसे स्वीकृति में भेजना पड़ेगा। भरतपुरी रोड से इंजीनियरिंग कॉलेज कैंपस से होकर बनाई जाने वाली मास्टर प्लान की सड़क एमआर-11 का काम जनवरी माह में शुरू हुआ था, जो कि बंद भी हो गया है। यूडीए प्रशासन ने विधानसभा की आचार संहिता लगने के पहले सड़क का भूमि पूजन करवाने के साथ में करीब 10 करोड़ का टेंडर भी जारी कर दिया था। ठेका कंपनी फिक्स होने के बाद सड़क के निर्माण के लिए केवल खुदाई का ही कार्य शुरू हो पाया था, जो बंद हो गया।
सड़क को फोरलेन बनाने की जद में पेड़ आ रहे हैं, जिनकी कटाई की जाना है, जिसकी अनुमति अब जाकर मिल पाई है। इसके बाद यूडीए ने नागझिरी थाने में आवेदन देकर पुलिस बल मांगा है, ताकि पुलिस फोर्स की मौजूदगी में पेड़ों की कटाई का कार्य शुरू किया जा सके। देवास रोड से यूडीए की आवासीय योजना शिप्रा विहार से होते हुए त्रिवेणी विहार को कनेक्ट करते हुए इंजीनियरिंग कॉलेज कैंपस के बीच से होकर बनाए जाने वाले इस फोरलेन में फिर से इंजीनियरिंग कॉलेज प्रशासन का अडंगा आ गया है। जमीन के लिए कॉलेज से अनुमति मांगी गई- गुप्ता यूडीए के इंजीनियर महेश गुप्ता का कहना है कि पेड़ों की कटाई की अनुमति मिल गई है। अब पेड़ों की कटाई का कार्य शुरू करवाकर रोड का निर्माण किया जाएगा। इंजीनियरिंग कॉलेज कैंपस में जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है।
इसके लिए कॉलेज प्रशासन से अनुमति चाही गई है। यूडीए को प्रशासन से अब तक जमीन भी नहीं मिल पाई है। सड़क एमआर 11 का निर्माण शुरू हुआ और फिर बंद भी हो गया। यूडीए ने अनुमति मांगी तो कॉलेज ने निर्माण का हवाला दिया उज्जैन विकास प्राधिकरण ने कॉलेज प्रशासन को चिट्ठी लिखकर बाउंड्रीवाल को तोड़कर बीच में से रास्ता निकालने की अनुमति मांगी तो कॉलेज प्रशासन ने खुद के यानी कॉलेज संबंधी कार्यों का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी। कॉलेज की बिल्डिंग आदि का निर्माण होना बताया गया है। ऐसे में करीब दो माह से काम रुका पड़ा है।