शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय परिसर में करीब 1 करोड़ की लागत से आयुर्वेदिक उद्यान बनने वाला है।
शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय परिसर में करीब 1 करोड़ की लागत से आयुर्वेदिक उद्यान बनने वाला है। महाविद्यालय के पीछे 2 एकड़ में फैली जमीन पर आयुर्वेदिक पौधों को वर्गीकरण के अनुसार लगाया जाएगा। इन पौधों का उपयोग औषधि निर्माण के साथ ही विद्यार्थियों का आयुर्वेद की पूरी जानकारी देने के लिए होगा। इस उद्यान की विशेष बात यह रहेगी कि यहां आम व्यक्ति भी घरेलू और दुर्लभ दोनों ही औषधियों के बारे में विस्तृत से जान पाएंगे। उद्यान को बनाने का कार्य शुरू कर दिया है, जिसका निर्माण तीन से चार महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
3 उद्यानों में लगाए 10 हजार पौधे
महाविद्यालय में अभी छोटे-बड़े मिलाकर 3 उद्यान है, जिनमें 300 प्रजातियों के 9,000 से 10,000 पौधे हैं। इन पौधों को शहर के वन विभाग, जबलपुर के कृषि विभाग, राजस्थान के झालावाड़ पाटन और गुजरात के आणंद से लाया गया है। इसके साथ ही एजुकेशन टूर पर जाने के दौरान विद्यार्थिर्यो द्वारा भी दुर्लभ पौधे लाए गए हैं, जिनमें से एक मैसूर से लाया अरणी पौधा है, जो एक साल पहले लगाया गया था और अब इसके कई पौधे लग चुके हैंं। 2 एकड़ में फैली इस जमीन पर इन प्रजातियों के पौधे वर्गीकरण के साथ लगाए जाएंगे।
साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों से एकत्रित किए दुर्लभ पौधों को यहां लगाया जाएगा, ताकि आम लोगों को उनके उपयोग की जानकारी दी जाए। उद्यान में एक बड़े स्टेज के साथ भ्रमण करने आने वाले लोगों की सुविधाओं के लिए सुलभ शौचालय बनाए और बैठने के लिए कुर्सियां लगाई जा रही है। अब तक उद्यान के लिए मेन गेट बनना शुरू हो गया है।