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इन्वेस्टर्स समिट के बाद प्रदेश में 16 लाख 40 हजार करोड़ का निवेश


उज्जैन:2023 की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और उज्जैन में आयोजित रीजलन इन्वेस्टर्स समिट के बाद प्रदेश में 16 लाख 40 हजार करोड़ का निवेश आया है। इसके बाद मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआईडीसी) को उद्योगों के लिए जमीन की आवश्यकता होने लगी है। खास बात यह है कि नए उद्योगों के लिए जमीन की इंदौर से अधिक उज्जैन संभाग में डिमांड है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और हाल ही में उज्जैन में हुई रीजलन इन्वेस्टर्स समिट में आए प्रस्तावों के बाद अब मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआईडीसी) ने और अधिक जमीनें तलाशना शुरू कर दी हैं, ताकि समिट में आए निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा जगह उपलब्ध करवाई जा सके।

एमपीआईडीसी के पास अभी इंदौर, उज्जैन संभाग में 6911 हेक्टेयर जमीन है, लेकिन अभी 9845.55 हेक्टेयर जमीन की और आवश्यकता है। दूसरी ओर उज्जैन संभाग में अभी कॉरपोरेशन के पास 3509 हेक्टेयर है और 6068.71 हेक्टेयर जमीन और चाहिए। यह जमीन अविकसित है और सरकार को ही इसे एमपीआईडीसी को हैंडओवर करना है।

डीएमआईसी, महाकाल लोक की वजह से मांग अधिक

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, महाकाल लोक की वजह से इंदौर संभाग से ज्यादा जमीन उज्जैन संभाग में चाहिए। इंदौर संभाग में धार और इंदौर में पहले से ही कई उद्योग हैं। ऐसे में अब नए निवेशकों की डिमांड उज्जैन, देवास, रतलाम, मंदसौर और शाजापुर में चाहिए। हालांकि इंदौर संभाग की बात करें तो धार-झाबुआ के बाद खरगोन और इंदौर में अभी भी डिमांड ज्यादा है।

कॉरपोरेशन के पास इंदौर संभाग में अभी 3402 हेक्टेयर जमीन है और 3776.84 हेक्टेयर जमीन और चाहिए। एमपीआईडीसी के अधिकारियों के मुताबिक उज्जैन में हुई रीजनल समिट का अच्छा रिस्पांस मिला है। कई बड़े निवेशकों ने निवेश के लिए जमीन की डिमांड की है। उज्जैन संभाग में उज्जैन जिले में विक्रम उद्योगपुरी के साथ शाजापुर, रतलाम, मंदसौर और नीमच में सबसे ज्यादा डिमांड है

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