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महाशिवरात्रि पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के 44 घंटे तक सतत दर्शन, पूजन का क्रम जारी है।


महाशिवरात्रि पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के 44 घंटे तक सतत दर्शन, पूजन का क्रम जारी है। इसकी शुरुआत 7-8 की दरमियानी रात 2.30 बजे से हो गई। सुबह 4.30 बजे तक भस्मआरती हुई। उसके बाद शुक्रवार को दिनभर दर्शन, पूजन किया गया। श्रद्धालुओं ने कर्कराज मंदिर के सामने से 2.30 किलोमीटर लंबी कतार में लगकर 40 मिनट में दर्शन लाभ लिए।

मंदिर प्रशासक संदीप सोनी के अनुसार पहली बार टनल का पूरी क्षमता से उपयोग किया गया। सुबह की तुलना में शाम को ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। रात में महाकालेश्वर की महापूजा शुरू की गई। उनका महाभिषेक किया गया। सप्तधान से मुखारविंद धारण करवाया जाएगा। इसके बाद सेहरा धारण करेंगे।

शुक्रवार को दोपहर 12 से 1 बजे तक तहसील की ओर से अभिषेक किया गया। शाम 4 से 5 बजे तक हाेल्कर एवं सिंधिया स्टेट की ओर से महाकालेश्वर का अभिषेक किया गया। शाम 5.30 बजे से संध्या आरती की गई। रात 8 से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुंड स्थित कोटेश्वर महादेव का पूजन, पंचामृत पूजन, सप्तधान्य अर्पण, सेहरा शृंगार आरती की गई।

गंगा जल के साथ विभिन्न फलों व गन्ने के रस से अभिषेक
शुक्रवार रात 10.30 बजे से महाकालेश्वर का अभिषेक किया गया। इस दौरान 101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो शकर, 15 किलो घी, पांच प्रकार के फलों का 2-2 किलो रस, 11 किलो गन्ने का रस, गंगा जल, गुलाब जल, भांग के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद महाकालेश्वर को गर्म जल से स्नान करवाएंगे।

गंगा जल के साथ विभिन्न फलों व गन्ने के रस से अभिषेक
शुक्रवार रात 10.30 बजे से महाकालेश्वर का अभिषेक किया गया। इस दौरान 101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो शकर, 15 किलो घी, पांच प्रकार के फलों का 2-2 किलो रस, 11 किलो गन्ने का रस, गंगा जल, गुलाब जल, भांग के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद महाकालेश्वर को गर्म जल से स्नान करवाएंगे।

सात प्रकार के 108 किलो धान्य अर्पित करेंगे
महाकालेश्वर के अभिषेक के बाद उन्हें नवीन वस्त्र धारण करवाए जाएंगे। श्री सप्तधान मुखारविंद धारण करवाया जाएगा। इसमें 31 किलो चावल, 11 किलो मूंग खड़ा, 11 किलो तिल, 11 किलो मसूर खड़ा, 11 किलो जौ, 11 किलो गेहूं, 11 किलो साल और 11 किलो खड़ा उड़द अर्पण किया जाएगा।

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