विक्रमोत्सव-2024: भगवान श्रीकृष्ण की 64 कलाओं और भारतीय ऋषि परंपरा पर आधारित प्रदर्शनी
विक्रमोत्सव-2024 के अंतर्गत महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ परिसर में भगवान श्रीकृष्ण की 64 कलाओं और भारतीय ऋषि परंपरा पर आधारित दो प्रदर्शनियां सजाई जा रही हैं।
श्रीकृष्ण: चौंसठ कलाएं विषय पर लगने वाली इस प्रदर्शनी में मालवी की चितरावन शैली में चित्रों को दर्शाया गया है। कलाकार अनिल धूलजी शर्मा द्वारा उकेरे गए 64 चित्रों में प्रत्येक कला और उस कला की जानकारी भी प्रदर्शित की जाएगी।
आर्ष भारत: भारतीय ऋषि परंपरा प्रदर्शनी में प्राचीन ऋषि-मुनियों की व्याख्या सहित उनके 102 चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे। यह प्रदर्शनी अश्विनी शोध संस्थान के सहयोग से आयोजित की गई है।
विक्रमोत्सव के अंतर्गत त्रिवेणी संग्रहालय में भी जलरंग शैली में 84 महादेव के चित्रों की प्रदर्शनी लगेगी। जिन्हें मुंबई के कलाकार अमोल पंवार ने बनाया है। पुरातत्व विभाग द्वारा भी 64 भित्ति चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
प्रदर्शनियों का विवरण:
- श्रीकृष्ण: चौंसठ कलाएं
- कलाकार: अनिल धूलजी शर्मा
- शैली: मालवी की चितरावन
- चित्रों की संख्या: 64
- विषय: भगवान श्रीकृष्ण की 64 कलाएं
- आर्ष भारत: भारतीय ऋषि परंपरा
- आयोजन: अश्विनी शोध संस्थान के सहयोग से
- चित्रों की संख्या: 102
- विषय: प्राचीन ऋषि-मुनि
- 84 महादेव के चित्र
- कलाकार: अमोल पंवार (मुंबई)
- शैली: जलरंग
- चित्रों की संख्या: 84
- विषय: 84 महादेव
- 64 भित्ति चित्र
- आयोजन: पुरातत्व विभाग
- चित्रों की संख्या: 64
प्रदर्शनी की शुरुआत:
- श्रीकृष्ण: चौंसठ कलाएं और आर्ष भारत: भारतीय ऋषि परंपरा - 6 मार्च
- 84 महादेव के चित्र और 64 भित्ति चित्र - तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी
स्थान:
- श्रीकृष्ण: चौंसठ कलाएं और आर्ष भारत: भारतीय ऋषि परंपरा - महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ परिसर
- 84 महादेव के चित्र - त्रिवेणी संग्रहालय
- 64 भित्ति चित्र - स्थान की घोषणा बाद में की जाएगी
यह प्रदर्शनियां कला प्रेमियों और इतिहास के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक रोमांचक अनुभव होंगी।