युवाओं को पुलिस और समाज से जोड़ने के लिए प्रदेशभर में अनूठी पहल की जा रही है। इसके तहत कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट पुलिस की कार्यप्रणाली समझेंगे।
युवाओं को पुलिस और समाज से जोड़ने के लिए प्रदेशभर में अनूठी पहल की जा रही है। इसके तहत कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट पुलिस की कार्यप्रणाली समझेंगे। वे पुलिस के साथ क्राइम स्पॉट पर पहुंचेंगे और मर्डर-किडनैपिंग जैसी बड़ी घटनाओं के कारणों का पता लगाएंगे। वे चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के साथ नाइट गश्त का हिस्सा भी बनेंगे।
इसके लिए प्रदेश के कई कॉलेजों में 120 घंटे का कोर्स शुरू होने वाला है। इसका नाम ‘स्टूडेंट्स-पोलिस एक्सपेरिमेंटल लर्निंग प्रोग्राम’ रखा गया है। चयनित छात्रों को थाने लाकर ट्रैफिक मैनेजमेंट से लेकर कई प्रक्रियाएं समझाई जाएंगी। स्टूडेंट थानों में इंटर्नशिप भी कर सकेंगे। उज्जैन पीटीसी एसपी और स्टेट नोडल ऑफिसर प्रशांत चौबे ने बताया कि युवाओं को पुलिस, समाज का मददगार बनाने के लिए योजना बनाई गई है। केंद्र और प्रदेश सरकार, खेल-युवा मंत्रालय और मप्र पुलिस इसकी अगुआई करेगी। इसके लिए इंदौर, उज्जैन, सागर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, नर्मदापुरम, शहडोल और मुरैना को चुना है। उज्जैन और जबलपुर में यह शुरू हो चुका है। इंदौर में जल्द शुरू होगा। हालांंकि, यह वैकल्पिक विषय होगा, जिसमें इच्छुक छात्र शामिल हो सकेंगे। इसमें उन्हें करियर बनाने के लिए भी मदद की जाएगी।
राष्ट्रीय सेवा योजना के मार्फत पहल शुरू की जाएगी
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों को युवा पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन सत्यापन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के समन्वयक और कॉलेज के प्रोफेसर करेंगे।
थाना स्टाफ से लेकर टीआई तक कराएंगे स्टूडेंट की पहचान
एसपी ने बताया इसकी शुरुआत भंवरकुआं, पलासिया, विजय नगर, जूनी इंदौर और तेजाजीनगर से होगी। चयनित छात्रों को यहां के थानों पर बुलाया जाएगा। स्टाफ और थानेदारों से छात्रों की पहचान बढ़ाएंगे। यहां छात्रों को आपराधिक कानून प्रक्रियाएं, पुलिस जांच से लेकर सामान्य पुलिसिंग पढ़ाई जाएगी। साथ ही चौराहों पर ट्रैफिक संभालने की भी ट्रेनिंग देंगे।
चौबे ने बताया कि विद्यार्थियों को थानों के माध्यम से समन्वय स्थापित करने के लिए 120 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें यातायात प्रबंधन, इन्वेस्टिगेशन, सामान्य पुलिसिंग, साइबर क्राइम, नारकोटिक्स की कार्रवाई जैसे सब्जेक्ट पढ़ाएंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा, क्योंकि पुलिस को अब समाज से युवा चेहरों को जोड़कर प्रदेश में नए बदलाव करना हैं। लोगो को जागरूक बनाना है, इसलिए स्टूडेंट्स के साथ सबसे अच्छी शुरुआत हो सकती है।