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ये ग्रीनफील्ड फोरलेन है यानी खेतों के बीच नए सिरेसे जमीन अधिग्रहण करके इसका निर्माण किया जानाहै।


ये ग्रीनफील्ड फोरलेन है यानी खेतों के बीच नए सिरेसे जमीन अधिग्रहण करके इसका निर्माण किया जानाहै। चूंकि भूमि अधिग्रहण ज्यादा होगा इसलिए करोड़ोंरुपए का मुआवजा देना पड़ेगा। वहीं इस रूट पर दोरेलवे ओवरब्रिज, पांच अन्य फ्लाईओवर, 7 बड़े, 26छोटे पुल और 270 छोटी व सामान्य पुलियाएं भीबनेंगी। इन स्ट्रक्चर और जमीन अधिग्रहण मुआवजेके कारण प्रोजेक्ट लागत 5 हजार करोड़ रुपए के पारपहुंची है। प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा खर्च इन्हीं दोसेक्टर में होगा।

उज्जैन शहर को जावरा में भूतेड़ा के पासस्थित दिल्ली-मुंबई 8-लेन एक्सप्रेस-वे केइंटरचेंज से जोड़ने के लिए 102.80किलोमीटर लंबा नया फोरलेन बनेगा।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता मेंसोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे के निर्माणकी स्वीकृति दी गई। इस प्रोजेक्ट पर भूमिअधिग्रहण से लेकर निर्माण पर करीब 5हजार 17 करोड़ 22 लाख रुपए खर्च होंगे।

नए ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे कानिर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप हाइब्रिडएनयूटी के आधार पर किया जाएगा। इसकेलिए करीब 557 करोड़ रुपएएमपीआरडीसी (मध्यप्रदेश सड़क विकासनिगम) खर्च करेगा जबकि 4460 करोड़रुपए का भुगतान राज्य सरकार के बजट सेकिया जाएगा। बता दें कि एनएचएआई द्वारादिल्ली-मुंबई के बीच 1385 किलोमीटरलंबा ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड 8-लेनएक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। इसकामध्यप्रदेश में निर्माण पूरा हो चुका है।

मप्र मेंरतलाम, मंदसौर व झाबुआ जिले में कुल 7इंटरचेंज एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के लिए हैं।इनमें से एक जावरा के भूतेड़ा में है।एमपीआरडीसी उज्जैन के परियोजनामहाप्रबंधक एस.के. मनवानी का कहना हैिक विस्तृत दिशा-निर्देश प्राप्त होते ही उसके अनुसार डीपीआर बनाकर आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। विधायक डॉ. राजेंद्र पांडेयने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व सीएम डॉ.मोहन यादव से कई बार चर्चा की तथा विसमें भी मुद्दा उठाया था। विधायक डॉ. पांडेयने कहा अब विकास के द्वार खुलेंगे।

औद्योगिक विकास औरट्रांसपोर्ट हब बनेगा जावरादिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस-वे सेनए उज्जैन-जावरा फोरलेन कीकनेक्टिविटी के बाद जावरा नयाट्रांसपोर्ट और औद्योगिक हब भीबनेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि येदिल्ली-मुंबई का भी सेंटर पॉइंट हैइसलिए इंदौर, उज्जैन, पीथमपुरतरफ से दिल्ली-मुंबई के बीचट्रांसपोर्टेशन आसान होगा। उज्जैनधर्म नगरी और महाकाल लोक केकारण प्रसिद्ध है तो स्वाभाविक हैकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी कई गुनाबढ़ जाएगा। इन्हीं आवश्यकता औरविकास की संभावनाओं के मद्देनजरये निर्णय हुआ है।

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