विक्रम उद्योगपुरी उज्जैन में आरपीएसपीएल ने 230 करोड़ का निवेश किया है।
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 283 इकाइयों के लिए हैंड टू हैंड (तुरंत) आवंटन पत्र सौंपे गए। 61 उद्योगों का लोकार्पण और भूमि पूजन किया गया। एमपीआईडीसी के डायरेक्टर राजेश राठौर ने बताया कि मप्र में इतने बड़े पैमाने पर पहली बार जमीन के आवंटन पत्र निवेशकों को दिए गए हैं।
विक्रम उद्योगपुरी उज्जैन में आरपीएसपीएल ने 230 करोड़ का निवेश किया है। सुधाकर पीवी प्रोडक्ट्स प्रालि ने 156 करोड़, श्रीनिवास फार्मा केम प्रालि ने 62.54 करोड़ का निवेश किया है। इसके अलावा मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए छह इकाइयों का भूमि पूजन भी किया गया। कुल 10 हजार 64 करोड़ रुपए लागत की 61 इकाइयों का सिंगल क्लिक से भूमि पूजन और लोकार्पण किया। 283 इकाइयों को 508 हेक्टेयर भूमि के लिए आवंटन-पत्र प्रदान किए।
इन इकाइयों द्वारा कुल 12 हजार 170 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश कर 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि उज्जैन की पहचान पहले भी औद्योगिक राजधानी के रूप में थी। इसका प्राचीन गौरव फिर से लौट रहा है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से उज्जैन ही नहीं पूरे प्रदेश में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़े हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन कॉन्क्लेव से करीब 1 लाख करोड़ के व्यवसाय और उद्योग का इतिहास बन रहा है।
250 से अधिक औद्योगिक परियोजनाओं में भूमि का आवंटन किया गया है। करीब 20 हजार से अधिक लोगों को नई इकाइयों से प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। भूमि, बिजली, पानी की मूलभूत जरूरतें तेजी से उपलब्ध कराई जा रही हैं। इससे न केवल मप्र बल्कि उप्र, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों के निवेशक भी आकर्षित हो रहे हैं।