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राजस्व समिति प्रभारी श्री मेहता ने जीआईएस सर्वे की समीक्षा की


उज्जैन- राजस्व समिति प्रभारी श्री रजत मेहता द्वारा सम्पत्तिकर विभाग से संबंधित कार्या की समीक्षा की करते हुए सम्पत्तियों के जीआईएस सर्वेक्षण से सम्बंधित जानकारी प्राप्त की गई। बैठक में सम्पत्तियों के जीआईएस सर्वेक्षण के संबंध में अखिल भारतीय स्थानीय शासन संस्था, भोपाल की टीम ने सर्वेक्षण से सम्बंधित जानकारी प्रजेंटेशन के माध्यम से देते हुए बताया कि वार्ड 44 को पायलट वार्ड के रूप में चयनित कर सर्वेक्षण पूर्ण करना , कुल वार्डो में से 12 वार्डो 5, 15, 14, 20, 23, 24, 42, 37, 18, 38, 54 का चयन कर सर्वेक्षण करना, तृतीय डिलेवरेबल उपरांत शेष वार्डो में से अन्य 12 वार्डो 7, 19, 21, 26, 28, 29, 30, 31, 32, 33, 17, 53 का चयन कर सर्वेक्षण करना, शेष समस्त वार्डो 1, 2, 8, 9, 11, 13, 4, 6, 16, 45, 50, 40, 51, 35, 47, 49, 51 कुल 17 का सर्वेक्षण करना। उक्त वार्डो के सर्वेक्षण का डाटा का निरीक्षण एवं सत्यापन कार्य सम्बंधित झोन कार्यालय के प्रभारी सहायक सम्पत्तिकर अधिकारियों द्वारा किया जाकर ई-नगर पालिका पोर्टल पर डाटा अपडेट किया जायेगा। जीआईएस सर्वेक्षण टीम ने बताया कि निगम की सम्पत्तिकर शाखा द्वारा ई-नगर पालिका पोर्टल भोपाल से 54 वार्डो की लगभग 1,18,000 सम्पत्तियों का डाटा प्राप्त कर अधिकृत संस्थान को प्रदाय किया गया जिसमें से संस्थान द्वारा 11 वार्डो की कुल 17,436 सम्पत्तियों का सर्वेक्षण एआईआईएलएसजी भोपाल की निजी मोबाईल एप एवं शेष 43 वार्डों की कुल 86, 492 सम्पत्तियों का सर्वेक्षण सतत् एप इस प्रकार कुल 1,03,928 सम्पत्तियों का सर्वेक्षण पूर्ण किया गया। प्रभारी सदस्य श्री रजत मेहता द्वारा टीम को शेष सर्वेक्षण कार्य शीघ्र पूर्ण कर डाटा ई-नगर पालिका पोर्टल पर अपलोड किया जाए। जीआईएस पद्धति के माध्यम से सम्पत्ति का सर्वे उपरांत निम्न सुधार कार्य भविष्य में दृष्टिगोचर होंगे
नवीन सम्पत्तियों का जुड़ना, पूर्व में दर्ज सम्पत्तियों का उपयोग/क्षेत्रफल में संशोधन, सम्पत्तियों के प्रकार जैसेः- आवासीय/व्यावसायिक आदि में संशोधन, ऑनलाईन मेपिंग इत्यादि कार्यवाही की जावेगी, जिससे की सम्पत्तियों के डाटा में सुधार होकर पारदर्शिता के साथ सम्पत्तिकर की अधिक से अधिक वसूली की जा सकेगी साथ ही नगर निगम सीमा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली शत-प्रतिशत सम्पत्तियों का सम्पत्तिकर जमा कराया जा सकेगा। निगम के रिकार्ड में उनकी वर्तमान एवं सटीक स्थिति के साथ दर्ज किया जावेगा, जिससे की निगम के रिकार्ड में आज दिनांक तक दर्ज न होने वाली अथवा संशोधन वाली सम्पत्तियों से भी कर वसूली की जाकर निगम की आय में अधिक से अधिक वृद्धि की जा सकेगी।

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