ई लाइब्रेरी से विश्वभर के विश्वविद्यालयों की पुस्तकों तक पहुंच संभव - डॉ हरीश व्यास
उज्जैन- शैक्षणिक संस्थानों में ई लाइब्रेरी की उपयोगिता लगातार बढ़ती जा रही है। ई लाइब्रेरी से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों की पहुंच विश्वभर के विश्वविद्यालयों की प्रत्येक पुस्तक तक हो चुकी है। ई लाइब्रेरी सिर्फ पुस्तकों के कंटेंट को ही नहीं सहेजती है, बल्कि यह विद्यार्थियों को ऑडियो और वीडियो लेक्चरर्स भी उपलब्ध करवाती हैं। वर्तमान डिजिटल युग में ई लाइब्रेरी प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान में एक महती आवश्यकता बनती जा रही है। उक्त विचार कालिदास कन्या महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं नोडल अधिकारी डॉ. हरीश व्यास ने भारतीय कॉलेज में "शैक्षणिक संस्थानों में ई लाइब्रेरी की उपयोगिता" विषय पर आयोजित आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किये। डॉ. व्यास ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस युग में टीचर को अपनी भूमिका एक फैसिलेटर के रूप में स्थापित करना होगी।
प्राचार्य डॉ. नीलम महाडिक ने कॉलेज में ई लाइब्रेरी की स्थापना की परिकल्पना प्रस्तुत की। स्वागत उद्बोधन एकेडमिक डायरेक्टर डॉ. गिरीश पंडया ने दिया।
अतिथि स्वागत कॉलेज की लाइब्रेरी प्रमुख सारिका मदावत ने किया।
संचालन डॉ. कल्पना मेहर ने किया तथा आभार प्रो. घनिष्ठ गरोठकर ने माना।