सरकार की वादाखिलाफी, गेहूं की 2700 की दी गारंटी पर महज 1700 में खरीद रहे
वादाखिलाफी के कारण किसान नाराज
सरकार की इस वादाखिलाफी के कारण किसान नाराज हैं। गेहूं का समर्थन मूल्य नहीं मिलने से गुस्साए किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने मंडी चौराहे पर चक्काजाम करते हुए आरोप लगाया कि उनके गेहूं Wheat को खराब और गीला बताकर व्यापारी औनेपौने दाम ही दे रहे हैं। किसानों ने मंडी अधिकारियों पर मिलीभगत के भी आरोप लगाए। करीब ढाई घंटे प्रदर्शन के बाद किसान बमुश्किल माने।
गेहूं का समर्थन मूल्य MSP नहीं मिलने से किसानों को जबर्दस्त नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि बीजेपी ने चुनाव के पहले गेहूं को 2700 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में खरीदने की गारंटी दी थी लेकिन सरकार में आने के बाद यह वादा भूल गई।
मंडी चौराहा पर चक्काजाम कर रहे किसानों ने यह भी कहा कि व्यापारी उनकी फसल का सही दाम नहीं दे रहे हैं। जो फसल 2600 से 2700 रुपए क्विंटल में बिकना चाहिए, उसे महज 1700 से 1900 रुपए में ही खरीद रहे हैं। इसके लिए व्यापारी गेहूं को खराब और हल्की क्वालिटी का बता रहे हैं।
किसान नेता अशोक जाट ने आरोप लगाया कि मंडी अधिकारी और कर्मचारी भी व्यापारियों का ही सहयोग कर रहे हैं। किसानों की शिकायतें भी नहीं सुनते। किसानों ने प्रदर्शन के पहले भी शिकायत की थी परंतु अधिकारियों से संतोषपूर्ण जवाब नहीं मिला। इसके बाद किसानों ने चक्काजाम का निर्णय लिया।
किसान रोड पर ही बैठ गए थे। दोपहर 2 बजे शुरू हुआ प्रदर्शन शाम 4.30 बजे तक चलता रहा। इस बीच चिमनगंज थाना प्रभारी आनंद तिवारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। ट्रैफिक जाम खुलवाने की कोशिश की परंतु किसान नहीं माने। मंडी अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसान माने और ट्रैफिक जाम खोला।
सीएम का वादा है, गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए देंगे
किसानों ने प्रदर्शन के दौरान अधिकारियों से कहा कि सीएम डॉ. मोहन यादव का वादा है कि गेहूं की फसल का समर्थन मूल्य इस बार किसानों को 2700 रुपए दिया जाएगा। इधर व्यापारी हैं कि फसल को खराब बताकर 1700 से 1900 रुपए तक के ही भाव में खरीदने को तैयार हो रहे हैं