इंदौर से चलने वाली १२ ट्रेन बायपास हो चुकी है,उज्जैन लगातार पिछड़ रहा है
बीते कुछ वर्षों में रेल सुविधाओं के मामले उज्जैन लगातार पिछड़ रहा है। वह तो भला हो इंदौर के जनप्रतिनिधियों जो अपने शहर की रेल सुविधा हासिल कर लेते है और उसका कुछ हिस्सा उज्जैन को मिल जाता है। इसका नुकसान भी उज्जैन को उठाना पड़ रहा है। इंदौर से चलने वाली १२ ट्रेन बायपास हो चुकी है। वहीं कई मर्तबा निरस्त होने वाली ट्रेन का विकल्प भी नहीं मिल पाता है।
जानकारों का कहना है कि रेलवे ट्रेक के मामले में फिलहाल इंदौर की स्थिति डेड एण्ड जैसी है। खंडवा ट्रेक बंद है और गुजरात-मुम्बई की रेल लाइन के लिए उज्जैन-रतलाम रुट के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इंदौर से खंडवा और देवास व्हाया इंदौर-धार होकर दाहोद लाइन का काम चल रहा है। उक्त दोनों रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद इंदौर का सीधा संपर्क खंड़वा होकर महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कई शहरों से हो जाएगा। दाहोद लाइन के बाद इंदौर सीधा गुजरात,मुम्बई से जुड जाएगा। अभी १२ ट्रेन ही बायपास हो रही है। उक्त दोनों लाइन के बाद उज्जैन का क्या होगा,इसकी कल्पना की जा सकती है। इसे लेकर फिलहाल तो उज्जैन के सांसद या जनप्रतिनिधियों ने अभी तक कोई पहल नहीं की है। ट्रेन सुविधाओं से उज्जैन को बायपास किया जा रहा है। शहर के जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान नहीं दें रहें। इस कारण रेलवे अपनी मनमानी कर रहा है।