रात में ही चेक बांटने पहुंचे अफसर, 4 को दिए, दो मिले नहीं, बाकी की समस्या, बची जमीन निगम को क्यों दें
20 दिन पहले मुआवजे के चेक तैयार हो गए, फिर बंटे क्यों नहीं? निगम आयुक्त से भास्कर ने पूछा तो उन्होंने कारण तो नहीं बताया लेकिन रात में ही चेक बांटने के आदेश दे दिए। अधिकारियों ने रात में ही पीड़ितों को फोन किए और आधे घंटे में उनके घर पहुंच गए।
केडी गेट चौड़ीकरण में ऐसे 11 प्रभावित हैं, जिन्हें मुआवजा मिलना है, जो चौड़ीकरण शुरू होने के सात दिन के अंदर मिल जाना था लेकिन सात माह बाद भी नहीं बंटा। 20 दिन पहले महापौर के हस्तक्षेप के बाद चेक तैयार हुए लेकिन बंट नहीं पाए। आयुक्त के निर्देश पर अधिकारी पीड़ितों के घर पहुंचे और चेक बांटने की प्रक्रिया शुरू की। सोमवार रात करीब 9.30 बजे पीड़ित महेंद्र वर्मा के पास निगम अधिकारियों का फोन पहुंचा। महेंद्र भाई मुकेश के साथ रात करीब 10 बजे गली वाले मंदिर पहुंचे। आधे घंटे में जोन एक के जोनल अधिकारी मनोज राजवानी, भवन निरीक्षक संगीता पंवार सहित अन्य पहुंचे और पहला चेक उन्हें दिया। दोनों भाइयों का करीब 3 लाख रुपए मुआवजा बन रहा था। इसी तरह के बाद निगम अधिकारियों ने शाकिर खालवाले और शारदाबाई को भी घर पहुंचकर मुआवजे का चेक दिया। निगम अधिकारियों ने इस दौरान राजकुमार सोनी से भी संपर्क किया लेकिन उन्होंने चेक लेने से पहले मना कर दिया।
कारण, बताया कि परिषद में उनका मुआवजा 15 लाख पास हुआ था। चेक 9 लाख के आसपास का ही बना। साथ ही निगम अधिकारी एक शपथ पत्र भी भरवा रहे हैं कि जो जमीन बची है, उसका उपयोग पीड़ित नहीं कर पाएंगे। वह जमीन भी निगम की हो जाएगी। ऐसे में पीड़ितों को चिंता सता रही है कि पहले ही जमीन चली गई, अब जो बची है, वह भी चली जाएगी तो व्यापार कहां करेंगे। इधर, निगम अधिकारियों का तर्क है कि बची जमीन 4 से 7 फीट है। उसका उपयोग संभव नहीं है। निगम इतनी कम जमीन के लिए निर्माण की अनुमति नहीं देती।
ऐसे में उसका उपयोग नहीं हो सकता। बताया जा रहा है कि सोनी को आश्वासन दिया गया कि अभी जो चेक बना है, वह ले लें। बचा पेमेंट फिर से फाइल चलाकर दे दिया जाएगा। केडी गेट चौड़ीकरण के 4 प्रभावितों को रात में ही मुआवजा बांट दिया। जो बचे हुए थे, उनसे संपर्क किया जा रहा है। उन्हें भी जल्द दे दिया जाएगा। कुछ ऐसे हैं, जो बची जमीन का भी उपयोग करना चाहते हैं लेकिन जमीन सिर्फ साढ़े तीन व साढ़े चार फीट बची है। उसका तो नक्शा भी पास नहीं हो सकता। संबंधितों को समझाया जा रहा है। फिर उन्हें भी मुआवजा दे दिया जाएगा। -मनोज राजवानी, जोन अधिकारी, जोन एक