उज्जैन रेपकांड पीड़िता का स्कूल छूटा:
“मेरी पोती दो साल की थी, जब उसकी मां घर छोड़कर चली गई। उसकी दादी ने ही उसे संभाला। दो साल पहले दादी का निधन हो गया। अब तो किसी गैर पर भरोसा ही नहीं रहा। बस चिंता इस बात की है कि मेरे जाने के बाद उसका ख्याल कौन करेगा?
ये कहते हुए सतना में रहने वाले नाबालिग रेप पीड़िता के दादा की आंखों में आंसू आ जाते हैं। 25 सितंबर को उज्जैन में उनकी 13 साल की पोती के साथ एक ऑटो चालक ने रेप किया था। रेप के बाद दूसरे दिन पीड़िता उज्जैन की सड़क पर मदद के लिए गुहार लगाती रही। तीन घंटे बाद एक मंदिर के पुजारी ने उसकी मदद की थी। पीड़िता का मदद मांगने का सीसीटीवी फुटेज भी सुर्खियों में रहा था।
घटना के 72 घंटे बाद आरोपी ऑटो ड्राइवर भरत सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया था। पीड़िता की हालत इस कदर खराब थी कि उसे 20 दिन तक इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। उज्जैन रेप कांड को तीन माह बीत चुके हैं। इस केस से जुड़े तमाम पहलुओं को खंगाला। केस की पैरवी कर रहे अधिकारी से बात की। पीड़िता का भी हाल जाना। पढ़िए ये रिपोर्ट…
आठवीं में पढ़ती थी नाबालिग
सतना जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर रहने वाली पीड़िता 8वीं में पढ़ती थी। रेप कांड के बाद से उसकी पढ़ाई छूट चुकी है। परिवार वाले डर की वजह से उसे घर से कहीं जाने नहीं देते। अब भी वह इस घटना से उबर नहीं पाई है। गुमसुम रहती है। परिवार में कोई महिला भी नहीं है जिससे वह अपना दुख बांट सके। पिता मानसिक रूप से कमजोर हैं। बड़ा भाई 15 साल का है। घर में दादा ही एक मात्र सदस्य हैं, जो समझदार हैं और पोती के दर्द को महसूस करते हैं। घटना का जिक्र करते ही उनकी आंखें भर आती है। कहते हैं कि बिन मां की इस बच्ची को बड़े जतन से पाला है।
परिवार की आर्थिक हालत भी जान लीजिए
पीड़िता का परिवार 500 वर्ग फीट में बने खपरैल के कच्चे घर में रहता है। दादा बकरी चराने का काम करते हैं, उसी से घर चलता है। इस घटना के बाद गांव के सरपंच ने पीएम आवास योजना के तहत घर बनवाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा है।
4 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिली, सरकार की सहायता नहीं मिली
उज्जैन के महाकाल थाने के टीआई अजय वर्मा के मुताबिक पीड़िता को अपने स्तर पर और कुछ समाजसेवी लोगों की मदद से 4 लाख रुपए की मदद की है। 50 हजार रुपए उसके दादा ने खाते से निकाल लिए थे। बाकी रकम को पीड़िता के नाम से बैंक में जमा करा दिया गया है। जब वह 18 साल की होगी, तब ये राशि उसे मिलेगी। शासन स्तर से भी पीड़िता को 8 लाख रुपए मिलेंगे। घटना के समय महाकाल टीआई ने पीड़िता को गोद लेने की बात कही थी, लेकिन परिवार वाले तैयार नहीं हुए।