7 साल में चरक से 5110 गर्भवती रैफर, समिति पर सवाल, अब हर केस की होगी स्टडी
आगर रोड पर वर्ष 2016 से संचालित चरक अस्पताल से सात साल में करीब 5110 गर्भवती महिलाओं को दस्तावेजों पर तो हायर सेंटर इंदौर या आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल रैफर किया गया लेकिन उनकी डिलीवरी प्राइवेट अस्पतालों में हुई। इसमें हर माह करीब 730 महिलाओं को रैफर कर दिया गया।
इसकी बड़ी वजह यह सामने आई है कि रैफर केस की रोकथाम के लिए समिति का गठन किया गया है, जो कि रैफर केस को रोकने में नाकाम रही है। कलेक्टर के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं के लिए गठित समिति के बगैर ब्योरा जांच किए रैफर किया जा रहा है। इसे लेकर फिर से आदेश जारी किया है कि समिति के सदस्य आदेश का अक्षरशः पालन करें, नहीं तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
प्राइवेट अस्पतालों से मिलने वाले कमीशन के लालच में चरक अस्पताल के स्टाफ ने यह कहते हुए गरीब महिलाओं को निजी अस्पताल भेज दिया कि प्राइवेट अस्पताल में अच्छा इलाज हो जाएगा और सुरक्षित डिलीवरी हो जाएगी। चरक अस्पताल से उन गर्भवती महिलाओं को भी रैफर कर दिया जाता है, जिनकी नार्मल डिलीवरी हो सकती है। उन्हें बच्चे की जान को खतरा बता दिया जाता है। ऐसे में परिवार के लोग डर की वजह से मरीज को प्राइवेट अस्पताल में ले जाने को मजबूर हो जाते हैं।