34 कॉलोनियां वैध हुई लेकिन भवन अनुज्ञा 62 ही जारी, कारण- कंपाउंडिंग राशि दोगुना हो रही
शहर में 2016 के पहले की 34 कॉलोनियों को वैध किया गया। इनमें 4708 भवनों को भवन अनुज्ञा जारी करने का लक्ष्य तय किया गया लेकिन अभी 114 आवेदन ही पहुंच पाए। इनमें से 62 को ही भवन अनुज्ञा जारी हो सकी।
लोग नए प्लॉटों की तो भवन अनुज्ञा ले रहे हैं लेकिन पुराने भवनाें में कंपाउंडिंग शुल्क के अतिरिक्त भार से बचने के लिए आवेदन ही नहीं कर रहे हैं। अवैध से वैध का सबसे बड़ा फायदा ही यह है कि लोन लेने में किसी को दिक्कत नहीं आएगी। लेकिन जिन्होंने मकान बना लिए हैं, वह अभी भी इस प्रक्रिया से दूर हैं।
कॉलोनी वैध तो हुई लेकिन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया
वार्ड 53 के प्रभु नगर मालनवासा को भी वैध किया गया लेकिन यहां भी समस्याओं के समाधान पर ध्यान नहीं दिया गया। यहां के रहवासी रोहित शीतोले ने बताया कि सालों से यहां रह रहे हैं। उम्मीद जागी थी कि कॉलोनी वैध हो रही है। हमने सभी कागज भी निगम को उपलब्ध करा दिए। कॉलोनी वैध भी हो गई।
लगा था कि कॉलोनी में मूलभूत सुविधाएं मिलना शुरू होगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हमने कॉलोनी के 50 फीसदी लोगों ने विकास शुल्क जमा करा दिया है लेकिन कॉलोनी में न तो रोड है और न ही नाली। शाम होते ही मच्छर भिनभनाने लगते हैं। स्ट्रीट लाइटें भी बंद हो जाती है। पार्षद निर्मला करण परमार ने कहा कि आचार संहिता लग गई थी। वार्डवासियों से बात कर समस्याओं का समाधान किया जाएगा।