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दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मुख्य उत्सव पर पहली बार मालवा के लोक कलाकार दिखाएंगे संजा नृत्य रूपक


 

उज्जैन की प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था का चयन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा 26 जनवरी को नईदिल्ली में होने वाली मुख्य परेड समारोह के उत्सव के लिए किया है। देशभर के हजारों कलाकारों ने इस उत्सव में प्रस्तुतियां देने के लिए एंट्रियां भेजी थी। इनमें से करीब डेढ़ हजार कलाकारों का चयन मंत्रालय की ज्यूरी द्वारा किया गया है। प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था का यह दल नृत्य गुरु डॉ. पल्लवी किशन के निर्देशन में देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य गणनायकों एवं अन्य प्रमुख हस्तियों के समक्ष मालवा की संजा के लोक गीतों पर आधारित संजा लोक रूपक की 10 मिनट की प्रस्तुति देंगे। इस दल में उज्जैन की अदितिसिंह जादौन, ईशा व्यास, मीशा नानवानी, अपूर्वा चौहान, नैनासिंह सोलंकी, खुशी पुरोहित, लकी राठौर, हर्षिता सोनी, सुहानीसिंह राजपूत आैर पूजा यादव शामिल रहेंगी। नृत्य गुरु डॉ. किशन ने बताया मुख्य समारोह के लिए एक अन्य प्रस्तुति संस्कृति मंत्रालय द्वारा ही तैयार करवाई जाएगी। इस तरह उज्जैन के कलाकारों की दो प्रस्तुतियां समारोह में होगी। संस्था सचिवकुमार किशन ने बताया चयनित सभी कलाकार नृत्य गुरु डॉ. पल्लवी किशन के निर्देशन में सतत प्रशिक्षक ले रहे हैं आैर मुख्य परेड में शामिल होने के लिए 27 दिसंबर को दिल्ली पहुंचेंगे। करीब एक महीने तक दिल्ली में ही रहकर यह नृत्य प्रशिक्षण लेने के साथ अभ्यास करेंगे। प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था के कलाकार देश-विदेश के कई मंचों पर प्रस्तुतियां देकर मालवा की संजा को बखूबी प्रदर्शित कर चुके हैं। देश के कई राज्यों के अलावा रूस, सिंगापुर, भूटान में भी प्रस्तुतियां दी हैं। यह संस्था शास्त्रीय कथक के नियमित प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन के साथ ही मालवा की विलुप्त हो रही लोक कलाओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भी विशेष रूप से कार्य करती है। 18 वर्षों से संजा लोकोत्सव का आयोजन भी किया जाता है। वर्ष 2017 में इसके लोक कलाकारों द्वारा टावर पर विश्व की सबसे बड़ी संजा बनाकर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया जा चुका है।

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