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ठंड से वायरल फीवर के मरीज बढ़े, सर्दी-खांसी और बुखार के रोजाना 300 से ज्यादा


ठंडी हवा का असर लोगों के स्वास्थ्य पर होता दिख रहा है। पिछले तीन दिनों से बढ़ती सर्दी के कारण एक बार फिर अस्पताल में मरीज वायरल फीवर के साथ लौट रहे हैं। माधवनगर अस्पताल में रोजाना 50 से 60 प्रतिशत सर्दी-खांसी के साथ बुखार के मरीज आ रहे हैं। वहीं जिला अस्पताल की ओपीडी में भी रोजाना 500 से 600 मरीज आते हैं, इनमें 300 से ज्यादा मरीज सर्द हवा के कारण हो रही खांसी, सर्दी और बुखार से जूझ रहे हैं।

वायरल के लक्षणों के चलते नए म्यूटेशन को पकड़ना आसान नहीं एक तरफ जहां कोरोना का नया वैरिएंट जेएन.1 आ गया है। ऐसे में लोगों का वायरल फीवर से बचकर रहना जरूरी है, क्‍योंकि वायरल के लक्षणों के चलते नए म्यूटेशन को पकड़ना आसान नहीं होगा। अब तक शहर में नए वैरिएंट का मरीज का एक भी सामने नहीं आया है, लेकिन सावधानी रखना जरूरी है, क्योंकि हमारे शहर मंें बाहर से रोजाना लाखों लोग आ रहे हैं और अब तक सुरक्षा के लिए पर्यटकों की स्क्रीनिंग या अन्य कोई व्यवस्था शुरू नहीं की गई है।

कोरोना के नए वैरिएंट के लक्षण या ज्यादा समय बुखार तो जांच जरूरी -डॉ. सोनानिया माधवनगर में पदस्थ डॉ. एचपी सोनानिया ने बताया कि ठंड बढ़ने के साथ एक बार फिर वायरल फीवर के मरीज बढ़ने लगे हैं। मरीजों को ठंड लगकर बुखार आ रहा है। साथ ही हाथ-पैर दर्द, गला खराब, खांसी जैसी परेशानी भी बढ़ गई है। ठंड में बच्चों और बुजुर्गों को खतरा ज्यादा रहता है, इसलिए उनका विशेष ध्यान रखना जरूरी है। मरीजों को अभी ठीक होने में एक सप्ताह से 10 दिन का समय लग रहा है। वायरल फीवर से खुद का बचाव जरूरी है, क्योंकि कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 संक्रमित मरीज अन्य प्रदेशों में सामने आए हैं। अगर किसी मरीज में लक्षण मिलते हैं या एक हफ्ते से ज्यादा बुखार रहेेगा तो कोरोना से संबंधित जांचें करवाई जाएंगी। अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड भी तैयार कर दिया है।

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