शांतिकुंज से आईं तीन छात्राएं, एक माह तक गांवों में सिखाएंगी यज्ञ व योगाभ्यास
देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार की तीन छात्राएं तनीक्षा सैनी, सौम्या कसौधन, सलोनी गोयल अपने परिवीक्षा के लिए बुधवार को एक माह के लिए गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पहुंची।
यह छात्राएं एक माह तक विद्यालयों, महाविद्यालयों, छात्रावासों में पहुंचकर वहां के विद्यार्थियों से संवाद करेंगी। कॉलोनियों, गांवों में यज्ञ, योगाभ्यास और वैकल्पिक चिकित्सा के आयोजनों का संचालन करेंगी। गुरुवार को उन्होंने विद्या विहार माध्यमिक विद्यालय शंकरपुर, यश पब्लिक स्कूल शंकरपुर और मालवांचल अकादमी पंवासा में अपना प्रेजेंटेशन दिए। उन्होंने योगाभ्यास के साथ यज्ञ का महत्व भी बताया। साथ ही भारतीय संस्कृति में माता-पिता और अपने से बड़े लोगों का सम्मान करने की सीख दी। अपने विश्वविद्यालय का परिचय देते हुए विद्यार्थियों को बताया कि हमारे विश्वविद्यालय को हिमालय के ऋषियों का संरक्षण प्राप्त है। यह प्रगति के अनेक रास्ते खोलता है। गीता जयंती एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार की संचालिका शैलबाला पंड्या दीदी के जन्म दिवस के अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार, गीता परिवार, विश्व गीता प्रतिष्ठान, फागुनी स्कूल ऑफ आर्ट की अगुवाई में 23 और 24 दिसंबर को दो दिवसीय आयोजन करेगा। देवेंद्रकुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इसके अंतर्गत सामूहिक गीता पाठ, गीता चिंतनिका, जीवंत चित्रकला प्रदर्शन और बाल वर्ग के लिए श्रीमद्भगवद गीता के पात्रों पर आधारित चित्रकला, गीता के 12 अध्याय के श्लोक का सस्वर पाठ प्रतियोगिता आदि कार्यक्रम होंगे। 23 दिसंबर शाम 4 बजे नानाखेड़ा पर बालवर्ग 8 से 14 वर्ष के लिए श्रीमद्भागवत गीता के पात्रों पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता होगी। प्रतियोगिता के लिए शीट आयोजक उपलब्ध कराएंगे। रंग अपने साथ लाने होंगे। श्रीमद्भगवद गीता 12वां अध्याय सस्वर पाठ प्रतियोगिता होगी। 24 दिसंबर की सुबह 10 बजे से गायत्री शक्तिपीठ अंकपात द्वार पर श्रीमद्भगवद गीता के पात्रों पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता, श्रीमद्-भगवद गीता 12वां अध्याय सस्वर पाठ प्रतियोगिता, दोपहर 3 से 5 बजे सामूहिक गीता पाठ (अध्याय क्रमांक 12, 15, 16, 17) गीता चिंतनिका, जीवंत चित्रकला प्रदर्शन िकया जाएगा।