बच्चों को सांता क्लाज बनाता है तो पालकों की अनुमति लेना जरूरी है
ईसाई समाज के स्कूलों के साथ ही अन्य स्कूलों में क्रिसमस पर्व को लेकर तैयारी चल रही है। इधर जिला शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर सभी निजी स्कूल संचालकों को कहा है कि स्कूलों में क्रिसमस पर्व के दौरान बच्चों को सांता क्लाज बनाता है तो पालकों की अनुमति लेना जरूरी है। यदि अनुमति के बिना बच्चों को सांता क्लाज या अन्य वेशभूषा पहनाई जाती है तो स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
25 दिसंबर को मनाए जाने वाले क्रिसमस पर्व को लेकर शासन ने आदेश जारी कर दिए है। आदेश में कहा गया है कि कोई भी निजी विद्यालय बिना अनुमति के बच्चों को सांता क्लाॅज नहीं बनाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने क्रिसमस के पहले निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए है।
शहरी क्षेत्र के बीआरसी संजय शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग से जारी आदेश में कहा गया है कि क्रिसमस पर स्कूलों में बच्चों को सांता क्लॉज की वेशभूषा पहनाने के पहले बच्चों के माता-पिता से अनुमति लेना होगी। यदि माता-पिता की बिना अनुमति के सांता क्लॉज या अन्य वेशभूषा पहनाई जाती है तो स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग से जारी हुआ यह पत्र जिले के सभी निजी स्कूलों के लिए जारी किया गया है।
विवाद की स्थिति नही बने इसलिए जारी किए निर्देश
बीआरसी शर्मा ने बताया कि इस तरह के आदेश इसलिए जारी किए गए है कि पर्व के दौरान कोई विवाद की स्थिति नही बने। निजी विद्यालयों में त्यौहार, पर्व पर विशेष की वेशभूषा पहना कर प्रदर्शन किया जाता है। इसके कारण कई बार विवाद की स्थिति बन जाती है। इस बार क्रिसमस के पहले ही जिले के सभी निजी स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
यदि माता-पिता की अनुमति से बच्चों को वेशभूषा पहनाई जाती है तो स्कूल संचालक कार्रवाई की जद में नही आएंगे। गौरतलब है कि हिंदूवादी संगठनों ने स्कूल संचालकों को कहा है कि हिंदू बच्चों को जबरदस्ती सांता क्लॉज नहीं बनाया जाए, वरना परिणाम भुगतने होंगे। इसके बाद ही विभाग से निर्देश जारी किए हैं।