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मौनतीर्थ पीठ में विराजे जगद्गुरु आदि शंकराचार्य


मंगलनाथ मंदिर मार्ग पर गंगाघाट स्थित श्री मौनतीर्थ पीठ के संस्थापक ब्रह्मलीन मौनीबाबा की जयंती श्रद्धा पर्व के रूप में मनाई गई। मौनतीर्थ वेदविद्या पीठ के द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन में गुरुवार को आश्रम परिसर में आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण मौनतीर्थ पीठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर डॉ. सुमनानंद गिरि महाराज, बालयोगी उमेशनाथ महाराज, नर्मदाशंकर पुरी, करण पुरी हरिद्वार, भर्तृहरि गुफा के महंत रामनाथ पुरी के सान्निध्य में हुआ। इस अवसर पर ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास को अवंतिका रत्न की उपाधि से अलंकृत किया गया।

वैदिक पंडितों को भी उपाधियां प्रदान की गईं। डॉ. विद्यासागर उपाध्याय को वेद विद्या मार्तंड, उमेश शर्मा और डॉ. जयप्रकाश द्विवेदी को वेद विद्या विषारद, अधीश द्विवेदी को वेद विद्या रत्न की उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया गया। पं. व्यास ने कहा शंकराचार्य की प्रतिमा नगर में स्थापित होना महत्वपूर्ण है। कहा- प्रतिमा की आरती भी नियमित की जाए। अमेरिका में भगवान हाटकेश्वर स्थापित करने की आवश्कता भी बताई।

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